आखिर कब जागेगी सरकार व स्थानीय प्रशासन, नीचले इलाकों में रहने वाले परिवार में हर समय डर भय का माहौल, पढ़े पूरी खबर

आखिर कब जागेगी सरकार व स्थानीय प्रशासन, नीचले इलाकों में रहने वाले परिवार में हर समय डर भय का माहौल, पढ़े पूरी खबर

शिव भादाणी
बीकानेर। हर साल मानसून आता है बारिशों का दौरा ऐसे ही आता है लेकिन सरकारें व स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों की उदासीनता के चलते आमजन को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। शहर के नीचले इलाकों में रहने वाले लोगों व उनके बच्चों में हर समय यह भय रहता है कि अगर मानसून में भारी बारिश हुई तो हम डूब जायेगें। आज विश्व कहां से कहा पहुंच गये है लेकिन हमारे शहर का एक छोटी सी समस्या जैसी की तैसी पड़ी है। सरकारों ने घोषणा की थी शहर में 10 जमीनी कुंए खुदवा देंगे जिससे की नीचले इलाकों में पानी नहीं पहुंचकर इन कुंओं में चला जायेगा लेकिन योजना सिर्फ कागजों में दब गई भोलाराम के जीव की तरह रविवार को दोपहर को मूसलाधार बारिश से शहर के नीचले इलाकों में रहने वाले लोगों के घरों में गंदा पानी पहुंच गया जिससे उनको भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यह हालात हर बार होते है लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इंजिनियरों के साथ मिलकर इससे निजात पर कोई काम नहीं किया है। शहर का सारा पानी पुरानी गिन्नाणी के क्षेत्र में आता है जिससे जूनागढ़ व नगर निगम व भुट्टा का चौराहा आदि जगह पानी भर जाता है और घरों में चले जाता है। अधिकारी बारिश के बाद मौके का जायजा लिया और जल्द से जल्द पानी निकालने का आश्वासन दिया। क्या इस समस्या का समाधान कभी नहीं होगा।
सूरसागर में पहुंचा फिर गंदा पानी
सूरसागर एक ऐतिहिसिक धरोधर है जिस पर आज तक करोड़ों रुपये खर्च हो गये कि बारिश का पानी बहकर इसमें नहीं आये लेकिन पैसा पानी की तरह बह जाता है और बारिश का पानी दिवारों में बने झरोखों के अंदर से सूरसागर के अंदर तक पानी पहुंच जाता है। हर साल यही होता है बारिश का गंदा पानी अंदर जाने से यह बदबू मारने लगता है।

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