
आखिर किससे लड़े कोरोना के ये योद्धा,खतरे में जान,वेतन असमान





बीकानेर। एक ओर पूरे वैश्विक महामारी से भय का माहौल है। लोग अपने घरों में बैठे है। वहीं कोरोना संक्रमण की जंग में अहम भूमिका निभाने वाले कार्मिक खतरे में अपनी जान डालकर अपनी सेवाएं दे रहे है। इनमें चिकित्साकर्मियों के अलावा वे लोग है,जो पर्दे के पीछे रहकर इस जंग के असली योद्धा का काम कर रहे है। किन्तु दुर्भाग्यवश इन योद्धाओं को उनका पूरा पारिश्रमिक तक नहीं मिल रहा है। हालात ये है कि क्वारन्टाइन अवधि के दौरान का दो ड्यूटी की बजाय एक ड्यूटी की उपस्थिति कर दोहरी मार मारी जा रही है। जानकारी मिली है कि पीबीएम अस्पताल में लगे संविदाकर्मी,डेली वेजेज के कार्मिक व वार्ड बॉय के हालात ऐसे है कि वे खतरे में काम कर रहे है। परन्तु उनका वेतन-भत्ता श्रमिकों से भी कम है। मजे की बात तो ये है कि मनरेगा के श्रमिकों को भी 200 रूपये से ज्यादा वेतन दिया जा रहा है और उनकी कार्य करने की अवधि भी निर्धारित है।
कोरोना पॉजिटिव भी ऐसी ही कार्मिक
मंजर ये है कि रविवार रात बीकानेर में आई कोरोना पॉजिटिव भी अटेन्डेंट है। जो एक्सरे में डेली वेजेज पर कार्यरत है। इस कार्मिक की आर्थिक स्थिति बद से बदतर है। जिसकी मां का इलाज भी पीबीएम के हार्ट अस्पताल में चल रहा है। ऐसे में असमान वेतन में अपनी खतरे में जान डालने वाले कार्मिकों को लेकर सरकार कितनी चितिंत है।
मिलते है महज 145 रूपये प्रतिदिन
बताया जा रहा है कि अलग अलग प्लेसमेंट एजेन्सियों के अधीन लगे इन कार्मिकों को 145 से 150 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से वेतन दिया जाता है। जिसमें से भी 300 से 500 रूपये की कटौती एजेन्सी की ओर से की जा रही है। ऐसे में इन कार्मिकों को चार हजार से भी कम रूपये बतौर वेतन मिल रहा है। यहीं नहीं इनकी सुरक्षा के इंतजाम भी नहीं है।
अधिकतर इन्हीं की लगाई ड्यूटी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमित वार्डों व क्वारन्टाइन सेन्टरों व जांचों में सर्वोधिक ऐसे ही कार्मिकों की ड्यूटी लगा रखी है। सूत्र तो ये भी बताते है कि इन कार्मिकों को स्थाई नियुक्ति की अनुशंसा करने की बात कह कर ड्यूटियंा लगाई जा रही है। जबकि अस्पताल के पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूृटी अन्यत्र लगाई गई है। आपको बता दे कि क्वारेन्टाइन अवधि के दौरान इनकी दो ड्यूटी की बजाय एक ही ड्यूटी दी जा रही है। जिससे उनकी आर्थिक हालात बिगड़ रही है।

