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अधिवक्ता गोवर्धनसिंह ने किया दावा, इस प्रश्न का आप नहीं बता सकते जवाब, फेसबुक पर छिड़ी जंग, देखें वीडियो

– नि:शुल्क विधिक सहायत क्यों ?
– महीने के 29 दिन परिवार के लिए केवल एक दिन समाज के लिए
खुलासा न्यूज़, बीकानेर। देश में परिवर्तन का दौर चल रहा है। एक न्यायिक क्षेत्र को छोड़कर जहां देखों वहां परिवर्तन हो रहा है। यह कहना है जाने-माने अधिवक्ता गोवर्धनसिंह का। गोवर्धन ने कहा कि मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि अपवाद को छोड़कर यह नहीं बता सकता कि हाईकोर्ट जज या सुप्रीम कोर्ट जज का चयन कैसे होता है? क्या कोई एग्जाम होता है ? क्या कोई इंटरव्यू होता है तो उत्तर आता है नहीं। फिर इनका चयन कैसे होता है ?
हमारे में से 99 प्रतिशत लोग यह नहीं बता सकते कि चयन कैसे होता है तो फिर कोर्ट अगर कुछ गलत करें या कोर्ट में न्याय नहीं मिले तो उसके खिलाफ तो बोलने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता। हम लोगों ने यानी काले कोट वालों ने समाज में इतना भय पैदा कर दिया कि कोर्ट के संबंध में सच भी बोला तो contempt की कैटगरी में आएगा और आपको जेल जाना पड़ सकता है। काले कोट वालो ने समाज में इतना भय पैदा कर दिया कि इस भय का फायदा पुलिस ने लूटा।
उन्होंने बताया कि न्याय मिलना बहुत महंगा है कि हर कोई व्यक्ति तो न्याय तक पहुंच ही नहीं पाता। आप वकील के पास जाएंगे तो बड़ी फीस ली जाती है। मुझे लगता है कि रोजगार के साथ हम सब यानी वकीलों को न्यायिक व्यवस्था पर चिंता करनी चाहिए । महीने के 29 दिन परिवार के लिए और केवल एक दिन समाज के लिए काम करना होगा । इसके लिए हम बीकानेर से नि:शुल्क सहायता के लिए विधिक सहायता शिविर लगा रहे है।

https://www.youtube.com/watch?v=aO0vQjPOg8c&feature=youtu.be

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