कॉलेजों में प्राप्तांकों से मिलेगा प्रवेश, परसेंटाइल फार्मूला हटाया
जयपुर। कॉलेजों में प्रवेश के लिए राज्य सरकार ने भाजपा सरकार में लागू किए गए पर्सेंटाइल फॉर्मूले को खत्म कर दिया है। कॉलेजों में नए शैक्षणिक सत्र के लिए प्रवेश नीति में बदलाव किया गया है। कोरोना संकट के साथ ही छात्र हित को देखते हुए प्रवेश प्रक्रिया में यह महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। राज्य के सभी कॉलेज में प्रथम वर्ष में अब प्राप्तांकों के आधार दाखिले होंगे। सरकार ने परसेंटाइल फार्मूले को हटा दिया है। स्नातक प्रथम वर्ष और स्नातकोत्तर पूर्वाद्ध में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया होगी। जबकि बाकी वर्ष के लिए एकीकृत प्रवेश प्रक्रिया रहेगी। अंकों में समतुल्यता लाने के लिए परसेंटाइल फार्मूले को हटाकर प्राप्ताकों के प्रतिशत के आधार पर दाखिला देने की प्रवेश नीति जारी की गई है। कॉलेज आयुक्तालय की ओर से जारी प्रवेश नीति में उच्च शिक्षा से वंचित मूकबधिर और दृष्टिहीन विद्यार्थियों को भी बड़ी राहत दी गई है। इनके लिए किसी भी अकादमिक सत्र में प्रवेश के लिए अंतराल संबंधी बाध्यता को खत्म कर दिया गया है।दरअसल, राज्य के सभी सरकारी और निजी कॉलेज में उच्च शिक्षा विभाग की प्रवेश नीति के अनुसार दाखिले होते हैं। प्रवेश नीति में अन्य कई प्रावधान भी किए गए हैं। गौरतलब है कि कॉलेजों में प्राप्तांकों के आधार पर दाखिले होने की प्रक्रिया में सीबीएसई बोर्ड के विद्यार्थी एडमिशन में बाजी मार लेते थे और राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों को प्रवेश सीटों पर तुलनात्मक रूप से कम दाखिला मिल पाता था। इस समस्या को दूर करने के लिए भाजपा सरकार में पर्सेटाइल फॉर्मूला लाया गया था। जिसे नए शैक्षणिक सत्र के लिए जारी की गई प्रवेश नीति में बदल दिया गया है।