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खनन भंडारण मामले पर प्रशासन नहीं दिख रहा गंभीर,चुप्पी क्यों

खुलासा न्यूज,बीकानेर। एक ओर तो राज्य सरकार और जिला प्रशासन अवैध रूप से हो रही गतिविधियों को लेकर कार्यवाही के हजारों दावे करते है। लेकिन इस पर कार्यवाही दिखावटी होती है। जिससे कई बार सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना भी लग जाता है। आर्थिक मंदी की मार झेल रही राज्य सरकार के लिये उन्हीं के लालफीताशाही कार्यवाही में देरी कर राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे है। मामला द ंतौर स्थित हाई जिप्सम इण्डस्ट्रीज का है। जिसमें खनिज विभाग द्वारा एक शिकायत के बाद इस फैक्ट्री में पड़े जिप्सम भंडारण का मौका मुआयना कर 1500 टन जिप्सम भंडारण को लेकर महज कागजी घोड़े दौड़ाएं। खनिज विभाग ने फैक्ट्री संचालक के उस एफआईआर को आधार बनाकर आगामी कार्यवाही नहीं की जिसमें फैक्ट्री संचालक सुबोध कल्याणी ने अपने दिसम्बर में लैपटॉप चोरी होने का हवाला दिया और चोरी हुए लैपटॉप में सारे दस्तावेज होने की बात कही गई है। जबकि फैक्ट्री संचालक द्वारा दिसम्बर से अप्रेल तक लगातार जीएसटी रिटर्न भी भरा है और मार्च में वार्षिक रिटर्न में प्रस्तुत किया है। जिसमें कही न कही 1500 टन जिप्सम भंडारण का हवाला भी दिया होगा। अगर ऐसा नहीं है तो फैक्ट्री में पड़े अवैध भंडारण पर खनिज विभाग कार्यवाही करने से क्यों कतरा रहा है।
अनेक विभागों में शिकायतें,फिर भी कार्यवाही नहीं
खुलासा ने की जांच पड़ताल में सामने आया है कि सुबोध कल्याणी के खिलाफ में अनेक विभागों में शिकायतें दर्ज हुई है। जिसकी जांच राजनीतिक दबाव के चलते प्रभावित हो रही है। हालात यह है कि जिले के एक थाने में तो शिकायतकर्ता की एफआईआर दर्ज नहीं हो रही है तो एक थाने में जांच अधिकारी शिकायतकर्ता के पक्ष को सुन ही नहीं रहा है। ऐसे में आम आदमी न्याय की उम्मीद भी कैसे करें। म ंजर यह है कि संपर्क पोर्टल पर भी परिवादी को बिना संतुष्ट किये ही उसकी शिकायत का निस्तारण कर शिकायत की फाइल ही बंद कर दी गई है।
अभी ओर खुलेंगी परतें
शिकायतों के बाद भी जो विभाग निष्पक्ष जांच नहीं कर रहा है। उसकी परतें अब खुलासा की टीम खोलेंगी। इसको लेकर खुलासा के पास काफी साक्ष्य उपलब्ध हो गये है आने वाले दिनों में इसको लेकर विभागों की मिलीभगती से राजस्व को पहुंचाएं जा रहे नुकसान की कड़ी दर कड़ी को उजागर किया जाएगा।

https://youtu.be/IlF6XHfQidM

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