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नहरबंदी से पहले तैयारियों में जुटा प्रशासन, चारों जिलों में नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने के निर्देश, डीसी ने ली मीटिंग

खुलासा न्यूज बीकानेर। बीकानेर संभाग के चारों जिलों में गर्मी में जल संकट को दूर करने के लिए संभागीय आयुक्त ने तैयारियों की समीक्षा की है। उन्होंने नहर के अंतिम छोर पर स्थित परिवार को भी पीने का पानी हर हाल में उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं।

संभागीय आयुक्त डॉ. रवि कुमार सुरपुर में सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संभाग के समस्त उपखंड स्तर तक बैठक लेते हुए गर्मी के दौरान पेयजल प्रबंधन सहित लू और ताप घात के मद्देनजर की जाने वाली आवश्यक व्यवस्थाओं की समीक्षा की। संभागीय आयुक्त ने संभाग के चारों जिला कलेक्टर्स तथा एसडीएम से अब तक की व्यवस्थाओं का फीडबैक लिया तथा अगले तीन माह तक पेयजल प्रबंधन को लेकर मुस्तैद रहने के निर्देश दिए।

संभागीय आयुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गत दिनों श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के दौरे के दौरान स्पष्ट निर्देश दिए कि ग्रीष्मकाल में संभाग के समस्त जिलों में पेयजल आपूर्ति को लेकर समस्त प्रारंभिक तैयारियां कर ली जाएं। सभी अधिकारी संवेदनशील रहकर कार्य करें।

संभागीय आयुक्त ने कहा कि प्रत्येक उपखंड अधिकारी गत तीन वर्षों में राजस्थान संपर्क पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों को देखते हुए यह समझें कि किन क्षेत्रों में पेयजल उपलब्धता को लेकर समस्याएं आई। इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने टैंकर से परिवहन किए जाने की स्थिति में आवश्यक टेंडर तथा जीपीएस व्यवस्था सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए। संभागीय आयुक्त ने कहा कि टेल एंड के बैठे लोगों को पर्याप्त पेयजल मिले, इसके मद्देनजर पानी की चोरी, लीकेज दुरुस्तीकरण तथा अवैध कलेक्शन काटने का कार्य प्राथमिकता से किया जाए।

उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से भी समन्वय रखें, जिससे व्यावहारिक समस्याओं का समयबद्ध समाधान हो सके। उन्होंने उपखंड अधिकारियों को जलदाय, जल संसाधन और विद्युत विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय रखते हुए समस्त जल भंडारण स्रोतों के चिह्नीकरण, इन्हें भरने तथा पेयजल सप्लाई की प्रभावी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। संभागीय आयुक्त ने कहा कि लू और तापघात की स्थिति से निबटने की प्रभावी व्यवस्था की जाए। स्कूलों, अस्पतालों, गौशालाओं में पेयजल उपलब्धता को लेकर कोई दिक्कत नहीं हो। विद्युत सप्लाई और लोड के कारण पेयजल वितरण व्यवस्था प्रभावित नहीं हो, यह सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक चिकित्सा केंद्र में पर्याप्त दवाइयां तथा स्कूलों सहित सभी स्थानों पर ओआरएस पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे। इसी प्रकार मनरेगा तथा पीडब्ल्यूडी की साइट्स सहित निजी कार्य स्थलों पर भी पेयजल प्रबंधन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक उपखंड अधिकारी पेयजल उपलब्धता और वितरण की दृष्टि से समस्याग्रस्त कस्बों और गांवों का भ्रमण कर लें। इस दौरान जल भंडारण स्रोतों को भरने और पानी चोरी की समस्या के समाधान के लिए पुलिस-प्रशासन को आवश्यक जाब्ता उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में लू और तापघात के कारण होने वाली मौसमी बीमारियों से निबटने की पर्याप्त व्यवस्थाएं हों। प्रत्येक उपखंड क्षेत्र के पीएचसी और सीएचसी तक लू और तापघात के मरीजों के लिए डेडीकेटेड वार्ड चिन्हित किए जाएं। उपखंड अधिकारियों को इनका निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए। संभागीय आयुक्त ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र के ट्यूबवेल और हैंडपंप क्रियाशील रहें। एसडीम इनकी भी रेंडम जांच करें।

जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि ने जिले में गर्मी के दौरान पेयजल आपूर्ति और हिट वेव प्रबंधन की तैयारियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार इससे जुड़ी सभी तैयारियां कर ली गई हैं। अधिकारियों को पूर्ण संवेदनशीलता से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस और प्रशासन द्वारा पेयजल और जल संसाधन विभाग के साथ समन्वय रखा जा रहा है।

बैठक के दौरान सभी जिला कलेक्टर्स और उपखंड अधिकारियों ने अपनी अपनी तैयारियों के बारे में बताया।
बैठक में अतिरिक्त संभागीय आयुक्त जसवंत सिंह, अतिरिक्त जिला कलेक्टर नगर रमेश देव सहित पेयजल, जल संसाधन और विद्युत विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

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