
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इंतजार कराने वाले अफसर पर एक्शन







पश्चिम बंगाल में चुनाव के वक्त से शुरू हुई केंद्र और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तनातनी अब तक जारी है। शुक्रवार को यास तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल पहुंचे तो ममता उनकी रिव्यू मीटिंग में समय से नहीं पहुंची। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे मीटिंग में शुभेंदु अधिकारी को बुलाए जाने से नाराज थीं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से लड़ीं ममता शुभेंदु से हार गई थीं।
उन्होंने कहा कि यदि शुभेंदु अधिकारी बैठक में शामिल हो रहे हैं तो उनका जाना मुश्किल है। सूत्रों के अनुसार, ममता और चीफ सेक्रेटरी एक ही परिसर में होने के बावजूद बैठक के लिए 30 मिनट की देरी से पहुंचे। देर रात केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी अलापन बंद्योपाध्याय को वापस बुला लिया। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने इसका आदेश कर राज्य सरकार से गुजारिश की है कि उन्हें तुरंत रिलीव किया जाए। अलापन बंद्योपाध्याय को 31 मई सुबह 10 बजे तक DoP, दिल्ली रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
मोदी और ममता के बीच 15 मिनट मुलाकात
इस दौरान ममता ने PM मोदी से मुलाकात कर तूफान से हुए नुकसान की प्राइमरी रिपोर्ट सौंपी। दोनों नेताओं के बीच करीब 15 मिनट बात हुई। यह मुलाकात पश्चिमी मेदिनीपुर जिले में कलाईकुंडा में हुई। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने PM मोदी को राज्य की स्थिति और तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों के बारे में जानकारी दी। ममता खुद भी शनिवार को प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करेंगी।
बाद में ममता ने कहा कि PM ने मीटिंग बुलाई थी। हमें नहीं पता था कि दीघा में मेरी मुलाकात थी। मैं कलाईकुंडा गई और प्रधानमंत्री को रिपोर्ट दी। साथ ही दीघा और सुंदरबन के विकास के लिए 10 और 20 हजार करोड़ रुपए की मांग की। मैंने उनसे कहा कि राज्य के अधिकारी मुझसे मिलना चाहते हैं। मैंने उनकी अनुमति ली और चली आई।
मोदी ने ओडिशा के CM के साथ बैठक की
प्रधानमंत्री मोदी पहले ओडिशा पहुंचे। भुवनेश्वर में उन्होंने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ यास के प्रभाव पर बैठक की। इस बैठक में राज्यों के आला अफसर भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री को बताया गया कि चक्रवात से सबसे ज्यादा नुकसान ओडिशा में हुआ है। पश्चिम बंगाल और झारखंड के कुछ हिस्से भी प्रभावित हुए हैं।


