पीबीएम ईएनटी विभाग की उपलब्धि : जन्मजात बहरेपन रोग से ग्रसित रूद्रप्रताप अब सुन पाएगा दुनिया की आवाज - Khulasa Online पीबीएम ईएनटी विभाग की उपलब्धि : जन्मजात बहरेपन रोग से ग्रसित रूद्रप्रताप अब सुन पाएगा दुनिया की आवाज - Khulasa Online

पीबीएम ईएनटी विभाग की उपलब्धि : जन्मजात बहरेपन रोग से ग्रसित रूद्रप्रताप अब सुन पाएगा दुनिया की आवाज

– डॉ गौरव गुप्ता ने किया 14 माह के बच्चें का सफल कॉक्लियर इम्पलांट

– लाखों रूपये का उपचार चिरंजीवी योजना के तहत हुआ पूर्ण रूप से नि:शुल्क

– कम आयु के मरीज का दोनों कानों में सफल कॉक्लियर इंप्लांट करने वाला पहला राजकीय चिकित्सालय बना पीबीएम अस्पताल

खुलासा न्यूज, बीकानेर। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध पीबीएम अस्पताल के ईएनटी विभाग के सर्जन डॉ. गौरव गुप्ता ने मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बुधवार को 14 माह के रूद्रप्रताप के दोनों कानों में सफल कॉक्लियर इंप्लांट किया है। प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी ने बताया कि यह ईएनटी विभाग की ओर से बड़ी उपलब्धि है, पूरे प्रदेश में पीबीएम अस्पताल इतनी कम आयु के मरीज के दोनों कानों में सफल कॉक्लियर इंम्प्लांट करने वाला पहला राजकीय अस्पताल बन गया है, साथ ही इस तरह के ऑपरेशन में लाखों रूपये का खर्च आता है, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में चिंरजीवी योजना लागू करने के बाद गरीब मध्यम वर्गीय परिवार को भारी खर्च करने की आवश्यकता नहीं रहती क्युंकि ऐसे ऑपरेशन पूर्णतया नि:शुल्क किये जा रहे है।

नाक, कान गला विभाग के वरिष्ठ आयार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ. दीपचन्द ने बताया कि गाँव खाकोली, जिला सीकर निवासी रूद्रप्रताप जन्म से ही सुनने व बोलने की अक्षमता से ग्रसित था। मरीज के परिजनों ने नाक, काम व गला विभाग में संपर्क किया एवं उसकी जाँचे करवायी गयी जिससे पता चला कि इस बच्चे का उपचार कालियर इम्प्लांट से संभव है। मरीज को पहले दोनों कानों में डिजिटल टियरिंग मशीन चिरंजीवी योजना के माध्यम से नि:शुल्क उपलब्ध करवाये गये।
ईएनअी सर्जन डॉ. गौरव गुप्ता ने बताया कि कॉक्लियर की सर्जरी में मरीज की उम्र का काफी महत्व होता है। मरीज का जितनी कम उम्र मे कॉक्लियर इम्प्लांट हो जायें, उसका परिणाम उतना ही अच्छा रहता है। मरीज रूद्रप्रताप 8-9 महीने की उम्र में ईएनटी विभाग में उपचार हेतु आ गया, इसलिए इतनी कम उम्र में उसका कॉक्लियर इम्प्लांट संभव हो सका। अब इस बच्चे को दो वर्ष की स्पीच थैरेपी भी चिरंजीवी योजना के अंतर्गत नि:शुल्क ही जायेगी जिसके बाद ये बच्चा दूसरे सामान्य बच्चों की तरह सुन व बोल सकेगा ।

चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी ने सफल सर्जरी हेतु प्रसन्नता जाहिर करते हुए ईएनटी विभाग की पूरी टीम को बधाई दी है। डॉ. सोनी ने बताया कि राजस्थान सरकार 2 वर्ष से छोटे बच्चों के दोनों कानों में चिरंजीवी योजना के माध्यम से कॉक्लियर इम्प्लांट उपकरण नि:शुल्क उपलब्ध करवा रही है इससे मरीजों एवं उनके परिजनों के लाखों रूपये की आर्थिक बचत हो रही है। पीबीएम अस्पताल में चिरंजीवी योजना के माध्यम से मरीजों को अधिक से अधिक लाभ दिलवाने की व्यवस्था की गई है।

 

इस टीम का रहा विशेष सहयोग

 

ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. दीपचंद के निर्देशन में हुए इस सफल ऑपरेशन में डॉ. गौरव गुप्ता, डॉ. गीता सोलंकी, डॉ. सुभाष, डायारू, डॉ. स्नेहलता निश्चेतन विभाग के डॉ. विशाल देवड़ा, डॉ. इशानी, डा. प्रशांत एवं नर्सिंग स्टाफ इंचार्ज वीणा व्यास, संतोष, अशोक तथा ओअी कर्मी हनुमान व नरेन्द्र शामिल थे। इसके अतिरिक्त इम्प्लांट की कार्यप्रणाली की जाँच हेतु स्पीच थैरेपिस्ट कौशल शर्मा व सागरिका उपस्थित रहे ।

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