
शहर में जगह-जगह खुले पड़े नालों के कारण हो रहे हादसे, आखिर कौन करवाएगा बंद?






खुलासा न्यूज, बीकानेर। शहर से जुड़ी ऐसी कई समस्याएं है, जो अब स्थाई बन चुकी है। जिनके समाधान के लिए अनेक बार मांग उठ चुकी है, परंतु प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इन समस्याओं में एक बड़ी समस्या जगह-जगह खुले पड़े नाले है, जिनके कारण कई बार हादसे हो चुके है। पशुओं के गिरने की हर तीसरे दिन घटना होती है, परंतु इन नालों को कवर करने की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गुरुवार को भी हादसा हुआ, जहां नगर निगम के पास एक खुले नाले में गाय गिर गई, जिसको बड़ी मशक्कत से बाहर निकाला जा सका। इस तरह पशुओं के गिरने की घटनाएं तो हर तीसरे दिन होती है। साथ ही कई ऐसे हादसे भी इन खुले पड़े नालों की वजह से हो चुके है, जिनमें किसी व्यक्ति जान गई है। इस प्रकार के हादसे के होने के बाद प्रशासन एक बार सख्त नजर आता है, आदेश-निर्देश जारी होते है, लेकिन कुछ दिनों के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है, यानि गंभीरता के साथ कोई काम नहीं कर रहा। शहर में बड़े-बड़े खुले पड़े कई नाले हर वक्त हादसे को न्यौता देते रहते है, जिनमें कुछ नाले निगम के अंडर में तो कुछ नाले यूआईटी के अंडर में आते है। जब कोई इस समस्या को लेकर जाता है तो इन दोनों विभागों के बीच उलझकर रह जाता है, यानि उस क्षेत्र का खुला पड़ा नाल आखिर किसके अंडर में है। निगम जाते है तो उसको यूआईटी को बता दिया जाता है और यूआईटी जाते है निगम का बता दिया जाता है। इस तरह एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहते है, बजाय समाधान करने के। देखा जाए तो खुले नालों की समस्या अब स्थाई बन चुकी है, जबकि अब तो बीकानेर बीडीए भी घोषित हो चुका है। बीडीए बनने से क्या होता है, शहर की समस्याओं से घोर किया जाए तो ऐसी अनेक समस्याएं है जो स्थाई रूप से अपना घर बना चुकी है। जिन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर शहर की जनता ये सब कब तक सहन करती रहेगी?

