
ACB की बड़ी कार्रवाई, घूसखोर सरपंच और दलाल ट्रैप






ब्यावर: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जोधपुर की टीम ने शनिवार को एक ट्रैप कार्रवाई को अंजाम देते हुए पाली जिले की ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ के सरपंच गुलाबसिंह और दलाल महेन्द्रसिंह को 80 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि सरपंच ने उक्त राशि गांव में एक कब्जाशुदा भूमि पर मकान निर्माण कार्य निर्बाध रूप से चलने देने की एवज में ली. जानकारी के मुताबिक सरपंच की ओर से पहले डेढ़ लाख रुपए की मांग की गई थी लेकिन सौदा एक लाख 35 हजार रुपए में तय हुआ और शनिवार को पहली किश्त के रूप में 80 हजार रुपए की राशि लेते हुए सरपंच गुलाबसिंह के दलाल महेन्द्रसिंह और सोनूसिंह को अस्पताल रोड से गिरफ्तार करते हुए रिश्वत की राशि सोनूसिंह की पेंट की जेब से बरामद करते हुए गुलाबसिंह को दस्तयाब किया गया.
एसीबी पाली प्रथम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरपतचंद ने बताया कि प्रतापगढ़ ग्राम पंचायत के गांव आंबा निवासी परिवादी कालूराम और सोहनलाल पुत्र नाथूराम गुर्जर ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पाली में एक परिवाद पेश कर बताया था कि प्रतापगढ़ सरपंच गुलाबसिंह गांव में एक कब्जाशुदा भूमि पर मकान निर्माण कार्य को निर्बाध गति से चलते रहने के एवज में डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा था. परिवादियों ने बताया कि बातचीत के दौरान उन्होंने यह सौदा एक लाख 35 हजार रुपए में तय किया है.
परिवादियों की शिकायत पर एसीबी ने शिकायत का सत्यापना करवाया तो शिकायत सही पाई गई. सत्यापन के दौरान पहली किश्त के रूप में 80 हजार रुपए की राशि दलाल महेन्द्रसिंह को देना तय किया गया. इस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरपतचंद ने इसकी जानकारी डीआईजी जोधपुर विष्णुकांत को दी. जिस पर एक टीम का गठन किया जाकर ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम देने के निर्देश दिए गए. जिस पर नरपतचंद के सानिध्य में गठित टीम ने शनिवार को ट्रेप कार्रवाई को अंजाम देने प्रतापगढ़ पहुंचे.
जानकारी के मुताबिक शनिवार को सरपंच गुलाबसिंह और दलाल महेन्द्रसिंह प्रतापगढ़ में नहीं थे. मोबाइल लोकेशन में वे दोनों ब्यावर में थे. इस पर टीम ब्यावर के एकेएच अस्पताल पर पहुंची. जहां पर पाया कि दलाल महेन्द्रसिंह पुत्र खुमसिंह रावत सोनूसिंह के साथ खडा है. इस पर टीम ने दोनों परिवादियों को रंग लगे नोटों के रूप में 80 हजार रुपए की राशि देकर दलाल महेन्द्रसिंह के पास भेजा. परिवादियों ने महेन्द्रसिंह के पास पहुंचकर रिश्वत की राशि दी तो महेन्द्र के पास खडे सोनूसिंह पुत्र रतनसिंह निवासी प्रतापगढ़ ने राशि लेकर अपनी पेंट की जेब में रख ली.
रिश्वत की राशि लेते ही ईशारा मिलते ही टीम के सदस्यों ने महेन्द्रसिंह और सोनूसिंह को दबोच लिया तथा उसकी पेंट की जेब से रिश्वत का राशि बरामद कर ली. इसके बाद टीम ने दलाल महेन्द्रसिंह की जानकारी के आधार पर सरपंच गुलाबसिंह पुत्र बुद्दासिंह को भी दस्तयाब कर लिया. एसीबी की टीम तीनों आरोपियों लेकर ब्यावर डिप्टी आफिस पहुंची तथा वहां पर कागजी कार्रवाई के बाद तीनों को लेकर पाली के लिए रवाना हो गई. एसीबी की टीम में मुख्य आरक्षक किशनसिंह, कांस्टेबल मोहनलला, हनुमानसिंह, यशपालसिंह, दिनेश कुमार, जगदीशराम, मनोहरसिंह, दो स्वतंत्र गवाह और सहयोगी के रूप में एसीबी अजमेर के पुलिस निरीक्षक राकेश वर्मा और तकनीकी विशेषज्ञ ओमप्रकाश विश्नोई भी शामिल थे. शनिवार को प्रतापगढ़ सरपंच गुलाबसिंह के ट्रेप होने की जानकारी शहर में आग की तरह फैल गई. मालूम हो कि सरपंच गुलाबसिंह का प्रतिदिन ब्यावर शहर में आना-जाना लगा रहता है और शहरवासियों ने अच्छी जान-पहचान भी है.


