
विद्यार्थियों के फंड से खरीद लिये एसी,वीसी ने कहा मुझे तो पता ही नहीं






बीकानेर। एक ओर भारत सरकार विद्यार्थियों के विकास के लिये कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में फंड देकर संसाधन उपलब्ध करवाने के जतन कर रही है। वहीं दूसरी ओर प्रबंधन इसका दुरपयोग कर विद्यार्थियों के लिये संसाधन जुटाने की बजाए अपने एशोआराम के साधन मुहैया करवा रहे है। ऐसा ही मामला बीकानेर तकनीकी विवि में प्रकाश में आया है। जहां भारत सरकार के टेक्निकल एज्यूकेशन क्वालिटी एम्प्रुवमेंट प्र्रोग्राम की राशि का दुरपयोग कर विद्यार्थियों के लिये संसाधन उपलब्ध कराने की बजाय चार एसी कुलपति निवास,सीईटी के प्राचार्य कक्ष में लगवा लें। जिसकी शिकायत के बाद आई टीम ने इसकी सत्यता का जानकर इन्हें हटाने के निर्देश दिए है। हालात ये है कि तीन सदस्यीय कमेटी के न तो निर्देशों की अनुपालना हुई है और न हीं इस गंभीर मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही।
ये है नियम
टेक्यूब फंड का उपयोग भारत सरकार द्वारा विद्यार्थियों के उत्थान के लिये दिया जाता है। जबकि नियमानुसार इस फंड का उपयोग विवि के अधिकारी अपने व्यक्तिगत उपयोग या कार्यालय प्रयोग के लिये नहीं कर सकते है। जबकि बीकानेर तकनीकी विवि में करीब दस करोड़ के इस बजट में से लाखों का दुरपयोग विवि के अधिकारियों ने अपनी सुख सुविधाओं के लिये किया है। जबकि टेक्यूब इंचार्ज को इन नियमों का ज्ञान तक नहीं है।
शिकायत के बाद हरकत में आये उच्चाधिकारी
इस फंड के गलत उपयोग को लेकर राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक एवं अत्याचार विरोधी टाईगर्स संस्थान के जांच एवं सतकर्ता अधिकारी सुरेन्द्र कुमार जाखड़ ने जब इसकी शिकायत मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली को की तो यहां से तीन सदस्यीय जांच कमेटी बीकानेर पहुंची और इस कमेटी ने शिकायत की पुष्टि करते इसे सही पाया। जिसके बाद कु लपति एच डी चारण,सीईटी प्राचार्य संजय बंसल व प्रभारी धर्मेन्द्र यादव को हिदायत देते हुए इसके दुरपयोग पर फटकार लगाई और इन चारों एसी को तुरंत हटाने के लिये कहा।
ध्यान नहीं,जांच कर करेंगे कार्यवाही
मामले को लेकर जब हमारे पोर्टल के रिपोर्टर ने कुलपति से बात की तो उनका कहना है कि उन्हें इस प्रकरण की कोई जानकारी नहीं है। जांच कर कार्यवाही की जाएगी।


