
काबो(चूहों) की कोरोना संक्रमण से पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था हो तो ही खोले मन्दिर





शारदीय नवरात्रा व कार्तिक ओरण परिक्रमा पर उमड़नेवाली भीड़ का भी करे आंकलन,
जिला कलेक्टर मेहता को ज्ञापन सौंपकर रखी मांग
देशनोक(बीकानेर) । विश्व मे तेजी से फैल रही कोरोना महामारी के कारण अभी भी देश व प्रदेश में कई धार्मिक स्थल बंद है।सरकार द्वारा धार्मिक स्थल खोलने की घोषणा के बावजूद कई बड़े मन्दिर संचालक मन्दिर नही खोलने का निर्णय ले चुके है।विश्व विख्यात देशनोक करणी माता मंदिर प्रन्यास ने भी इसी कड़ी में 20 सितंबर तक मन्दिर नही खोलने का निर्णय लिया है।
देशनोक करणी माता मंदिर खोलने व नही खोलने को लेकर प्रशासन द्वारा कोई फैसला लेने से पूर्व प्रशासन व मन्दिर प्रन्यास की बैठक में आम देपावतो को शामिल करने की मांग को लेकर मंगलवार को फतेह दान,मनोज दान,गिरीश हिंदुस्तानी,रणजीत दान के नेतृत्व में देपावत समाज के प्रतिनिधि मंडल ने बीकानेर जिला कलेक्टर नमित मेहता को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में प्रमुख तौर पर मन्दिर के काबो(चूहों) की कोरोना संक्रमण से पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जताई गई है।लोकमान्यता के अनुसार काबे करणी माता के वंशज है।ऐसे में काबो की कोरोना संक्रमण से सुरक्षा प्रशासन व प्रन्यास के लिए बड़ी चुनौती है।अगर काबे कोरोना से संक्रमित हो जाते तो जांच कैसे होगी जैसे बड़े सवाल है।वर्तमान में बीकानेर में निरंतर कोरोना मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है।देशनोक में भी कोरोना से एक महिला की मौत हो चुकी है।
ज्ञापन के अनुसार प्रदेश में कोरोना महामारी की भयावहता नियंत्रण नही होने तक प्रशासन से मन्दिर खोलने के आगामी निर्णय पर पुनः विचार की मांग की गई है।क्योंकि शारदीय नवरात्रा भी नजदीक है।यहाँ शारदीय नवरात्र पर बड़ा मेला लगता है। दीपावली के बाद कार्तिक चतुर्दशी को ओरण परिक्रमा होती है।दोनों ही आयोजनों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पूरे देशभर से आते है। ऐसे में कोरोना एडवाइजरी की पालना कितनी सम्भव हो पायेगी ?
दूसरे मंदिरों से अलग है यह मन्दिर
देशनोक करणी माता मंदिर पूरे विश्व मे अपनी अलग पहचान रखता है।पूरे विश्व मे चूहों(काबो) वाली देवी के मन्दिर के रूप में विख्यात है।मन्दिर में करीब बीस हज़ार काबे है।इन काबो के प्रति करणी भक्तों में विशेष आस्था है।

