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लोगों की प्रोफाइल चुराकर उनके ही परिचितों से ऑनलाइन ठगी करता था युवक, 200 आधार व पैनकार्ड बरामद

झुंझुनूं। जयपुर पुलिस ने ऑनलाइन ठगी के एक बड़े आरोपी को गिरफ्तार कर 500 से अधिक ठगी के मामलों का खुलासा किया है। यह सभी ठगी पिछले तीन साल में की गई। जिनमें 15 लाख से अधिक रुपए ऑनलाइन ठगे गए। आरोपी संदीप चौधरी पुत्र शिवचंदराम गुढ़ागौडजी थाने के तहत खिवांसर का रहने वाला है। जयपुर ग्रामीण के सामोद थाने में दर्ज एक मामले में जांच करते हुए पुलिस ने इसे गुढ़ागौडजी बस स्टैंड से ही दबोचा।

पिछले कुछ समय से यह सीकर में रहकर पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहा था। बहुत शातिर तरीके से इसने करीब एक हजार वीआईपी लोगों की प्रोफाइल चुराई। जिसमें उनके फोटो, मोबाइल नंबर, वॉट्स अप नंबर, कांटेक्ट लिस्ट आदि शामिल थी। इसके जरिए उसने इन लोगों के परिचितों के नंबर और ई मेल पर पैसों की जरुरत होने के मैसेज भेजे। इस तरह करीब पांच सौ से अधिक लोग इसके झांसे में आते गए और इन सभी से उसने 15 लाख रुपए ठगे। अप्रेल 2020 में इसने सामोद के थानाधिकारी हरबेंद्रसिंह के नाम से वॉट़्स अप अकाउंट बनाया और उनका फोटो लगाकर किसी से पांच हजार रुपए मांगे।

जिस व्यक्ति को उसने मैसेज भेजा वह सामोद थाने में ही कांस्टेबल था। शक होने पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और इसकी जांच थानाधिकारी प्रागपुरा बृजेश ज्योति उपाध्याय को दी। हालाकि आरोपी बार बार पुलिस को चकमा देता रहा, लेकिन आखिरकार गत 2 जनवरी को पकड़ा गया। पुलिस को इसके पास से सवा तीन लाख रुपए नगद, 8 मोबाइल, 25 सिम, 100 आधार कार्ड, 100 सिम कार्ड, लैपटॉप और डेढ़ लाख रुपए की एक बाइक बरामद हुई है।

सामोद थाने में मामला सामने आने के बाद जयपुर ग्रामीण एसपी शंकरदत्त शर्मा ने एएसपी कोटपूतली रामकुमार कस्वां, डीएसपी दिनेश कुमार यादव, प्रागपुरा थानाधिकारी बृजेश ज्योति उपाध्याय (आईपीएस) के नेतृत्व में टीम का गठन किया।

अंतरराज्यीय गिरोह से भी जुड़ा आरोपी
प्री एक्टीवेट सिम और डमी अकाउंट से लिंक एटीएम के लिए संदीप अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़ा था। उड़ीस का एक व्यक्ति उसे यह सिम और एटीएम सप्लाई करवाता था। पुलिस अब उसकी भी तलाश कर रही है। आरोपी के पास मिले लैपटॉप से उसके अंतरराज्यीय ठगों से संबंध का खुलासा हुआ। ठग गुरुग्राम हरियाणा में 2018 में ठगी के मामले में पकड़ा जा चुका है। प्रागपुरा थाने में भी इसके खिलाफ प्रकरण दर्ज है।

व्हाटसएप पर मैसेज कर मांगता रुपए

आरोपी संदीप ने बड़े शातिर तरीके से इन वारदातों को अंजाम दिया। वह सबसे पहले वीआईपी लोगों की लिस्ट बनाकर उनके नंबर हासिल करता। इन नंबर्स को जीमेल में यूजरआईडी की तरह यूज करता और जिन नंबर्स के पासवर्ड भी यही नंबर होते। उनका अकाउंट उसके सामने खुल जाता। इसके बाद वह वहां से उस व्यक्ति के सारे कांटेक्ट नंबर उठा लेता।
इसके बाद वह वीआईपी व्यक्ति की फोटो लेकर उसके नाम से एक वॉट्स अप अकाउंट क्रिएट करता। डीपी पर यह फोटो लगा देता और फिर कांटेक्ट लिस्ट से मिले नंबर्स पर पैसों की जरुरत होने का मैसेज भेजता। इस तरह कई लोग इसके झांसे में आए और मांगी गई रकम उसे भेज दी।
इन पैसों को वह दूसरों के नाम पर बने डिजिटल अकाउंट में ट्रांसफर करवाता और फिर ई मित्र या डमी बैंक अकाउंट के जरिए एटीएम से पैसे निकलवा लेता।

25 सिम समेत दूसरे लोगों के आधार कार्ड व पैनकार्ड जब्त किए
ठगी का यह आरोपी इतना शातिर है कि हर नई ठगी व नए नंबर से करता। उसके पास से 25 सिम मिली हैं। डमी बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए भी उसने अपने शातिर दिमाग का सहारा लिया। लोगों की नौकरी लगवाने के नाम पर उसे कई लोगों के आधार कार्ड व पैनकार्ड मंगवा रखे थे। इनके जरिए ही उसने फर्जी अकाउंट नंबर खुलवाए। इसके पास 40 डिजीटल अकाउंट मिले हैं। सभी में अलग अलग मोबाइल नंबर डाले गए हैं।

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