
एक तस्कर ने पूरे शहर के युवाओं को नशे का आदी बना डाला, तीन थानों की पुलिस की पकड़ से दूर, राजनीतिक संरक्षण तो नहीं तस्कर को





बीकानेर। शहर में रहने वाले एक तस्कर ने पूरे शहर के युवाओं को नशेडी बना डाला है अगर देखा जाये तो दस में से 8 युवा नशे के आदी मिलेगें यह देन है एक ही तस्कर की जिसने बिना पुलिस के खौफ बेधडक़ युवाओं को नशीली कफ सिरप बड़े दामों में बेचकर स्वयं मुनाफा कमाता है और युवाओं को बर्बादा करता है।इस और पुलिस का ध्यान भी नहीं जा रहा है और ना ड्रग क्रट्रोल का दोनों की बड़ी लापरवाही से शहर के अंदर का हिस्सा पूरी तरह से नशे में जकड़ चुका है। शहर में रहने वाले एक युवक को पुलिस ने कुछ दिन पहले ही नशीली कफ सिरप के साथ पकड़ा तो उसने एक बड़े तस्कर का नाम बताया जो बड़े स्तर पर शहर व शहर के आस पास की कॉलोनियों में बेधडक़ देर रात तक कफ सिरप पहुंचाता है। पुलिस को बताने के बाद भी आज इतने दिनों के बाद तस्कर पुलिस की पकड़ से दूर है। जबकि आईजी ओमप्रकाश का ऑपरेशन क्लीन चला उसके तहत भी उसको पुलिस ने नहीं पकड़ा। नशीले कफ सिरप के साथ पकड़े गये युवक ने जिस तस्कर का नाम बताया है उसको लेकर नापासर थानाधिकारी जगदीश प्रसाद पांडर ने बताया कि तस्कर के खिलाफ जुर्म प्रमाणित है उसको पकडऩे के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है जल्द ही पुलिस के चुंगल में होगा।
इतने दिन तक पुलिस से दूरी कही राजनीतिक संरक्षण तो नहीं
जब पुलिस के सामने तीन मामलों में एक ही तस्कर का नाम सामने आ रहा है तो फिर अभी तक गिरफ्तारी क्यों नहीं कि ऐसा क्या पुलिस पर दबाब की उसको पकडऩे के लिए अभी कोई ऐसी टीम नहीं बनाई जो उसको दबोच सके। ऐसे में लगता है तस्कर के पास राजनीतिक पॉवर है जिससे उसकी गिरफ्तारी करने में पुलिसदबाब में है। लेकिन जिस तरह से पुलिस बार बार उसके घर पर दबिश दे रही है उससे लगता है तस्कर जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होगा।शहर को नशे में जकडऩे में सबसे बड़ा हाथ है देर रात तक खुलने वाली दुकानें जहां पर तस्कर लोग आते है और वहीं से माल सप्लाई होता है शहर के अंदर कईऐसी दुकानें है जिसके आस पास तस्करों का ठिकाना है वहीं आकर बैठते है जिससे कोई शक नहीं करता है और वह अपना व्यापार आराम से चला रहे है। हमअगर बात करें तो शहर के आचार्य का चौक, सुथारों की बड़ी गुवाड़ा, गोपेश्वर बस्ती, मोहता चौक, जस्सूसर गेट, जेलवेल, सोनगिरी कुंआ आदि ऐसे इलाके हैजहां पर नशीली कफ सिरप नशेडिय़ों को आराम से मिल जाती है। तस्कर के कई ऐसे ठिकाने है जहां पर माल सुरक्षित पड़ा है और उसके साथी अभी भी मालबेच रहे है।
अभी भी शहर में बेधडक़ बिक रही है नशीली कफ सिरप
कहते है सांप के बच्चे को मारने से सांप का प्रजाति खत्म नहीं होती है इसी तरह एक छोटे से माल सप्लाई को पकडऩे से शहर से नशा बंद नहीं होता है अभी भीकई ऐसे तस्कर बैठे है जिनको पुलिस का कोई डर नहीं है और वह अब भी नशे की कफ सिरप 250 से 360 रुपये तक बेच रहे है और नशेडियों को आराम सेमिल रही है। अगर मेडिकल स्टोर वालों को बिना डॉक्टर की पर्ची के देने पर रोक है तो फिर इन तस्करों के पास माल आता कहां से कौन ऐसा एमआर है जो इनकेसाथ मिला हुआ है और इनको माल आसानी से मिल रहा है। रात को बारह के बाद नशे का कारोबार चरम पर रहता है पूरे शहर में वाहनों पर माल लिये घूूमते हैउनको जो वाटसअप पर मांग कर रखी है उसको पहुंचा कर चले जाते है। रात को पुलिस भी उनकी जांच नहीं करती है कि कौन कहां से आ रहा है। इसके चलते
शहर में नशे का कारोबार बड़े स्तर पर हो रहा है।
अब तक तस्कर का कहां कहां कौन- कौन सी कार्यवाही में नाम आया
कुछ दिन पहले डीएसटी ने नयाशहर व सदर क्षेत्र में भी दो कार्रवाई की थी। नयाशहर थाना क्षेत्र से पूगल रोड़ निवासी मांगीलाल को नशीले सिरप केसाथ पकड़ा था। उससे बड़ी मात्रा में नशीले सिरप की शीशियां बरामद हुई। नयाशहर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। इस मामले की जांच कोटगेट थानाधिकारी मनोज माचरा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि मांगीलाल भी इसी तस्कर से माल लेते है हालांकि पुलिस अभी मामले की जांचकर रही है। वहीं पुलिस ने सदर थाने में कार्यवाही की जहां पर जहां डुप्लेक्स कॉलोनी निवासी दीपचंद को भारी मात्रा में नशीली गोलियों के साथ दबोचा था। सदर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। मामले की जांच जयनारायण व्यास कॉलोनी थानाधिकारी महावीर प्रसाद विश्नोई को दी गई। महावीर प्रसाद के अनुसार मामले में दीपचंद के बाद दिनेश व मांगीलाल को गिरफ्तार किया गया।
जिस तीव्र गति से नशा अपने पैर पसार रहा है, अगर मादक पदार्थों के तस्करों पर पर जल्द लगाम नहीं लगाई गई तो आने वाले 1-2 सालों में बीकानेर की युवा पीढ़ी बर्बाद हो जाएगी।


