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राजस्थान में एक नए वायरस का कहर, मरीज हो रहे है बहरे, बच्चों की बीमारी से संक्रमित हो रहे बड़े

राजस्थान में एक नए वायरस का कहर, मरीज हो रहे है बहरे, बच्चों की बीमारी से संक्रमित हो रहे बड़े

जयपुर। राजस्थान में मंप्स वायरस तेजी से फैल रहा है। इस वायरस के शिकार 6 मरीज हमेशा के लिए सुनने की क्षमता खो चुके हैं। इनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। वहीं, कई मरीज की सुनने की क्षमता कम हो गई है। चौंकाने वाली बात यह कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में इसका टीका ही नहीं है। खांसने-छींकने से फैलने वाली इस संक्रामक बीमारी के जितने मामले पूरे साल में आते थे, उतने अब रोजाना आ रहे हैं। जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल, जेके लोन हॉस्पिटल और निजी हॉस्पिटल में इस बीमारी के मरीज आए दिन पहुंच रहे हैं। मंप्स क्या है? यह सामान्य फ्लू से कैसे अलग है और इससे बचाव के क्या उपाय हैं? डॉक्टर इस बीमारी के बढ़ते मामलों से क्यों चिंतित हैं? पढ़िए- इस रिपोर्ट में …

बच्चों के लिए क्यों गंभीर बीमारी है मंप्स?

यह संक्रामक बीमारी है, जो खांसने और छींकने से एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। अगर समय पर इलाज मिले तो मंप्स से संक्रमित बच्चे करीब दो सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। कुछ मामलों में गंभीरता के कारण अधिक समय भी लग सकता है। ऐसे में वायरस के कारण बच्चों के ब्रेन, किडनी और हार्ट पर भी असर पड़ता है। गंभीर मामलों में बीमारी दिमाग में फैल सकती है, जो दिमाग में संक्रमण का कारण बनती है। चिंता की बात यह है कि इस बीमारी की रिपोर्टिंग नहीं होने से प्रभावित मरीजों की संख्या के बारे में भी चिकित्सा विभाग के पास कोई आंकड़ा नहीं है।

इन लक्षणों को सामान्य मानकर न करें नजरअंदाज

मंप्स एक वायरल बीमारी है। इसके लक्षण भी सामान्य बीमारी की तरह ही होते हैं लेकिन तीन में से एक मरीज को कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। कई बार व्यक्ति के संक्रमित होने के दो से तीन सप्ताह बाद मंप्स के लक्षण दिखाई देते हैं। तेज बुखार, कान के आस-पास सूजन और तेज दर्द होने पर इसे सामान्य मानकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। मरीज को बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्ज होने पर डॉक्टर को दिखाएं और समय पर इलाज शुरू करें। बीमारी से संक्रमित मरीजों को मुंह खोलने में भी परेशानी होती है। जबड़ों के नीचे व आस पास सूजन आ जाती है, जिससे कानों पर इसका असर होता है।

 

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