
निगम अधिकारियों की घोर लापरवाही और ठेकेदार की संवेदनहीनता का मामला, देखरेख के अभाव में हर दिन मर रही गायें, मृत गायों को विधायक ने लगाई फटकार







खुलासा न्यूज, बीकानेर। नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही व ठेकेदार की संवेदनहीनता का मामला सामने आया है। जहां नगर निगम बीकानेर द्वारा संचालित गोशाला में गायों की हो रही बेकद्री का मामला उजागर हुआ है। मामला तब और गंभीर हो जाता है जब वर्तमान भाजपा सरकार हमेशा गायों की रक्षा की बात करती आई है, अब उसी की सरकार में गायों की बेकद्री का मामला सामने आया है। घटना बीकानेर नगर निगम द्वारा संचालित कांजी हाउस गोशाला की है। घटना की सूचना मिलने पर बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने गोशाला में अव्यवस्थाओं को देखकर संचालक को जमकर फटकार लगाई। विधायक जेठानंद व्यास ने बताया कि नगर निगम बीकानेर द्वारा संचालित कांजी हाउस गोशाला में गायों की बेकद्री की शिकायत पिछले दिनों से उन्हें लगातार मिल रही थी। ऐसे में शनिवार सुबह साढ़े सात बजे के आसपास वे गोशाला पहुंचे। जहां देखा तो पाया कि गायों के साथ बेकद्री की जा रही है। साढ़े नौ बजे तक पशुओं का चारा नहीं डाला गया, भूखी-प्यासी गायें इधर-उधर भाग रही थी। पीने वाले वाला पानी भंयकर बदबू पार रहा है, जिसको गायें पी भी नहीं सकती। मौके से 10 से 15 गायें मृत मिली। इसके अलावा ईलाज के बनाये गए ट्रॉमा सेंटर में बड़ी संख्या में गायें मृत मिली, जहां किसी प्रकार का कोई ईलाज गायों को नहीं मिल रहा। चारे का स्टॉक बंद पड़ा था। किसी प्रकार कोई रिकॉर्ड भी नहीं मिला। इस तरह निगम के हाउस में गायों की बड़ी बेकद्री की जा रही है। विधायक व्यास ने बताया कि संचालक से जवाब मांगा गया, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया, ऐसे में जमकर फटकार लगाई गई। साथ ही निगम आयुक्त व उपायुक्त को इस बारे में सूचित किया गया। दोनों ने आश्वासन दिया कि इस मामले की आज ही जांच करवायी जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। व्यास ने कहा कि गायों के साथ अन्याय कभी सहन नहीं किया जाएगा, गायों की रक्षा के सरकार बड़ा बजट दिया जा रहा है, इसके बावजूद ये हालात बने हुए है। जिसको कभी बर्दास्त नहीं किया जाएगा। व्यास ने कहा कि निगम के अधिकारियों को अवगत करवाया गया है और अव्यवस्थाओं में सुधार करते हुए जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही करने को कहा गया है। अब देखने वाला विषय यह होगा कि निगम के अधिकारी संबंधित ठेकेदार के खिलाफ क्या एक्शन लेते है।


