
बुधवार को बसों के खिलाफ चलाया अभियान हमेशा की तरह हादसे के बाद जागता है सरकारी सिस्टम, आग में जिंदा जल गये यात्री





बुधवार को बसों के खिलाफ चलाया अभियान
हमेशा की तरह हादसे के बाद जागता है सरकारी सिस्टम, आग में जिंदा जल गये यात्री
बीकानेर। हर हादसे के बाद सरकारी सिस्टम जागत है और एक बारगी सडक़ों पर उतर जाते है और कार्यवाही करने लगते है क्या सिस्टम पहले ऐसी कार्यवाही पहले नहीं कर सकता या सरकारी सिस्टम में ये नियम है कि कोई हादसा होने के बाद ही जागना जरुरी है। ऐसे कई हादसे है जो सरकार के सामने होते है लेकिन उस पर कार्यवाही तब तक नहीं करते जब तक कोई कार्यवाही नहीं होती है। ऐसे ही मंगलवार को जैसलमेर हादसे के बाद बीकानेर आरटीओ विभाग अलर्ट मोड पर है। पिछले लंबे समय से सुस्ता रहा यह विभाग कार्यवाही करने के लिए आज सडक़ पर नजर आ रहा है। बीकानेर आरटीओ अनिल पांडे ने बताया कि पूरे जिले में बसों के खिलाफ अभियान चलाकर बसों की जांच की जा रही है। जिसमें यह देखा जा रहा है कि बसों की बॉडी निर्माण सही हुआ है या नहीं, बॉडी निर्माण कानून रूप से सही है या नहीं, बसों के दस्तावेज खंगाले जा रहे है, बस कानून रूप से सडक़ पद दौडऩे के लिए फीट है या नहीं, बस की कैपेसिटी क्या है और कितनी कैपेसिटी में चलाई जा रही।
बस चालकों के पास लाईसेंस है या नहीं, कोई बस मॉडिफाई है तो उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। इन सभी मुद्दों को लेकर आरटीओ विभाग बीकानेर द्वारा एक अभियान चलाकर जांच की जा रही है। आरटीओ अनिल पांडे ने बताया कि बुधवार सुबह कार्यवाही शुरू की गई, शाम तक पूरी रिपोर्ट सामने आने के बाद पता चलेगा कि कितनी बसों के खिलाफ कार्यवाई हुई है।
बता दें जैसलमेर अब अग्निकांड के बाद सरकार भी सख्त है, बताया जा रहा है कि बसों की जांच के लिए विभाग को निर्देशित किया गया है। जिसमें अधिकारियों को सख्त आदेश दिए गए है कि नियमों के विरुद्ध चल रही बसों पर कार्यवाही कर नागरिकों के जीवन को सुरक्षित किया जाए।

