
सुहाग की लम्बी उम्र का प्रतीक करवा चौथ व्रत 24 को





भीलवाड़ा । सुहाग की लम्बी उम्र, सेहत और सुरक्षा के लिए महिलाएं करवा चौथ का व्रत रविवार को रखेगी। देशभर में मनाए जाने वाले इस त्योहार पर इस बार लॉकडाउन नहीं होने के कारण नव विवाहित युवतियों में खासा क्रेज देखा जा रहा हैं। वे पिछले कई दिनों से इसकी तैयारियों में जुटी हुई हैं। करवा चौथ का व्रत पति, सेहत और सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। इसलिए इस व्रत का इंतजार सुहागिनें पूरे वर्ष करती हैं। करवा चौथ का कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। चतुर्थी की तिथि को संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की भी पूजा का विधान है। गणेश आरती और गणेश मंत्र का जाप करना शुभ माना गया है। करवा चौथ पर इस बार चंद्रोदय का समय पंचांग के अनुसार रात्रि 8.07 बजे है।
करवा चौथ की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को करवा चौथ के व्रत के महत्व के बारे में बताया था। इसके बाद द्रौपदी ने करवा चौथ का व्रत विधि पूर्वक पूर्ण किया था। मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत रखने से सुहागिन स्त्रियों का सुहाग सुरक्षित रहता है। इसके साथ दांपत्य जीवन में सुख शांति बनी रहती है।
करवा चौथ की थाली
करवा चौथ की थाली को महत्वपूर्ण माना गया है। करवा चौथ की थाली को पंच मेवा, घर के बने पकवान, सुहाग का सामान आदि से सजाया जाता है। करवा चौथ को दांपत्य जीवन में खुशियां भरने वाला त्योहार कहा जाता है। सुहागिनें सुहाग को दीर्घायु रखने के लिए बिना अन्न और जल के रहेंगी। चांद निकलने पर पूजा कर व्रत का पारणा करेंगी।


