निकाय चुनाव: चेयरमैन की तैयारी में जुटे दावेदारों की उम्मीदों पर फिरा गया है पानी

निकाय चुनाव: चेयरमैन की तैयारी में जुटे दावेदारों की उम्मीदों पर फिरा गया है पानी

बीकानेर। नवम्बर माह में प्रस्तावित स्थानीय निकाय चुनाव में अध्यक्ष के लिए खुली लॉटरी में महापौर की सीट सामान्य महिला के लिए घोषित होने के साथ ही कई दावेदारों के चेहरे लटक गए। लम्बे समय से अपने चहेतों को टिकट दिलवाने, पार्टी के लोगों से मेल मिलाप बढ़ाने सहित कई जतन कर रहे लोगों को हताशा हाथ लगी। शहर में भाजपा व कांग्रेस से कई दावेदार अपने-अपने वर्ग की लॉटरी निकलने से पहले ही प्रदेश नेतृत्व तक अपनी पहुंच बताकर जमीनी स्तर पर भी तैयारियां शुरू कर दी थी।

 

इसमें से कई दावेदारों ने तो अभी से ही लॉबिंग भी शुरू कर अपने-अपने चहेतों को पार्षद का टिकट दिलाने की कोशिश शुरू कर दी थी, लेकिन चेयरमैन सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित होने के बाद उम्मीदों पर पानी फिर गया। कल तक अपने आप को महापौर समझ चुनाव का समीकरण बैठाने वाले नेताओं ने अब शांति धारण कर ली है। कई नेताओं ने तो इस उम्मीद को छोड़ दूसरी राजनीतिक नियुक्तियों व पदों को हासिल करने की तैयारी में जुट गए है।

 

अपनी पत्नी के लिये शुरू की तैयारी
महापौर की सीट सामान्य महिला होने के साथ ही कई वरिष्ठ नेता अपनी पत्नियों को चुनावी समर में उतारने की तैयारियों में जुट गए। जानकारी के अनुसार महापौर का सपना संजोए ये नेता अब बैकडोर एन्ट्री के माध्यम से महापौरे की रणनीति बना रहे है।

 

सोशल मीडिया पर दावेदारी की होड
पहले वार्डों की लॉटरी निकलने के बाद और अब महापौर की लॉटरी निकलने के बाद संभावित उम्मीदवारों व महापौर के अघोषित उम्मीदवारों ने सोशल मीडिया पर अपने प्रबल दावेदारी जता दी है और सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट कर आमजन से राय बटोरने का काम चल रहा है। यही नहीं कई पिता तो अपनी पुत्रियों को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे है। ऐसा माना जा रहा है कि सामान्य महिला का महापौर होने के कारण दोनों ही राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता भी अपने रिश्तेदारों पर दावं खेल सकतेे है।

ये नाम है चर्चा में
जैसे ही सामान्य महिला के महापौर की लॉटरी निकली वैसे ही महिला नेत्रियां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और चुनाव लडऩे की इच्छा नहीं रखने वाली नेेत्रियां भी अब चुनावी दंगल में उतरने को बेताब है। चर्चा है कि देवीसिंह भाटी अपनी पुत्रवधु,पूर्व महापौर भवानीशंकर शर्मा की पुत्री,पूर्व सभापत्ति अखिलेश प्रताप सिंह अपनी पत्नी,गुमानसिंह राजपुरोहित भी अपने परिवार से किसी महिला को चुनाव मैदान में उतार सकते है। तो भाजपा से मोहन सुराणा अपनी पत्नी मधु सुराणा,लक्ष्मीकंवर हाडलां,डॉ मीना आसोपा,सुमन जैन,आरती आचार्य,मीना आचार्य अपनी प्रबल दावेदारी जता सकती है। तो कांग्रेस से महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुनीता गौड,पूर्व पार्षद सीवरी चौधरी,शर्मिला पंचारिया,कमला विश्नोई भी प्रमुख दावेदारों में शामिल है।

गुटबाजी से उबर नहीं पा रहे हैं राजनीतिक दल
नगर निगम में कांग्रेस व भाजपा का बोर्ड बारी से रहा है। इस बार कांग्रेस प्रदेश में अपनी सरकार होने का हवाला देकर कांग्रेस का बोर्ड बनाने के लिए कमर कस रही है, लेकिन विधानसभा व लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी कांग्रेस दो गुटों में बंटी नजर आ रही है। स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर भाजपा व कांग्रेस ने बैठक आयोजित कर रणनीति बनानी शुरू कर दी है।

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