
लपकों की ऐसी हालत कर दो,लपका नाम का कोई व्यक्ति राजस्थान में न रहे-गहलोत






जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पर्यटन विभाग,पुलिस-प्रशासन से कहा है कि राजस्थान में लपकों की ऐसी हालत कर दो कि लपका नाम का कोई व्यक्ति राजस्थान के अन्दर नहीं रहे। गहलोत ने राजस्थान के टूरिज्म के लिए रोड़े बने लपकों को लेकर सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने वल्र्ड टूरिज्म डे पर स्टेट लेवल के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पर्यटन और पुलिस विभाग से कहा कि किसी जमाने में लपकों का बहुत बड़ा आतंक था। सरकार ने कानून में संशोधन भी किया है।
गहलोत ने कहा- मैं चाहूंगा कि लपकों की ऐसी हालत कर दो, कि लपका नाम का कोई व्यक्ति राजस्थान में नहीं रहे। उन्होंने कहा ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि बाहर से जो टूरिस्ट आते हैं। लपका उन्हें ठगवाता है। दुकानदारों से लुटवाता है। 50-50 फीसदी तक का कमीशन लपके और कुछ बस वाले दुकानदारों से लेते हैं। लपके टूरिस्ट्स की खरीददारी के लिए वहीं ले जाकर गाडिय़ां खड़ी करते हैं, जहां से उन्हें कमीशन मिलता है। गहलोत ने यह भी साफ किया कि मुझसे ज्यादा तो यहां मौजूद डिपार्टमेंट के लोग इस बारे में जानते हैं।
आज तक टूरिज्म सेक्टर को इंडस्ट्री के बैनिफिट नहीं मिल पाए- स्न॥ञ्जक्र
फेडरेशन ऑफ हॉस्पिटेलिटी एंड टूूरिज्म इन राजस्थान के अध्यक्ष अपूर्व कुमार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ओपन वीडियो कांफ्रेंस में कहा कि 1989 में राजस्थान सरकार ने टूरिज्म को इंडस्ट्री का दर्जा दिया था। लेकिन आज तक टूरिज्म सेक्टर को इंडस्ट्री के बैनिफिट नहीं मिल पाए हैं। उन्होंने सरकार से मांग रखी कि टूरिज्म सेक्टर को इंडस्ट्री के फायदे दिलवाए जाएं। राजस्थान निवेश के लिए मोस्ट प्रीफर्ड डेस्टिनेशन बन सकता है, यदि पर्यटन को उद्योग के बैनिफिट घोषित कर दिए जाएं। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग रखी कि जितना जल्द सम्भव हो, यह किया जाए। क्योंकि राजस्थान के लोगों को नौकरियां और निवेश चाहिए। इससे पर्यटन उद्योग भी सर्वाइव कर पाएगा।
पहली बार प्राइवेट सेक्टर कर रहा राजस्थान का डिजिटल प्रमोशन
फेडरेशन ऑफ हॉस्पिटेलिटी एंड टूूरिज्म इन राजस्थान के अध्यक्ष ने कहा कि पहली बार प्राइवेट सेक्टर ने राजस्थान का डिजिटल प्रमोशन गणेश चतुर्थी से शुरू किया है। आज के माहौल में 80 फीसदी से ज्यादा पर्यटकों का टूरिस्ट स्पॉट तक आना-जाना और टूरिज्म का कारोबार ऑनलाइन माध्यम से चल रहा है। इसलिए डिजिटल स्पेस में राजस्थान का महत्व बहुत प्रमुख होना चाहिए। पहला कैम्पेन इको टूरिज्म से शुरू किया गया है। जिसमें विलेज टूरिज्म को प्राथमिकता दी गई है।आने वाले महीनों में राजस्थान के आर्ट,कल्चर,स्पॉट,एडवेंचर,क्राफ्ट,मेडिकल,मॉनसून,मैरिज,इकोनॉमिक और हैरिटेज टूरिज्म का भी हम प्रचार करेंगे। 2023-24 तक डॉमेस्टिक टूरिस्ट्स से ही टूरिज्म इंडस्ट्री सर्वाइव कर पाएगी।


