पत्नी से जबरन संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं: हाईकोर्ट ने पति को रेप के आरोप से बरी किया, अप्राकृतिक सेक्स का केस चलेगा

पत्नी से जबरन संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं: हाईकोर्ट ने पति को रेप के आरोप से बरी किया, अप्राकृतिक सेक्स का केस चलेगा

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ पति द्वारा जबरदस्ती संबंध बनाना रेप की श्रेणी में नहीं आता। कोर्ट ने 23 अगस्त को रायपुर के एक शख्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने उसे रेप के आरोप से मुक्त कर दिया है। हालांकि, हाईकोर्ट ने कहा है कि पति के खिलाफ दर्ज अप्राकृतिक सेक्स और दहेज प्रताड़ना के मुकदमे चलते रहेंगे।

दरअसल, रायपुर के रहने वाले 37 साल के इस शख्स की शादी बेमेतरा की रहने वाली लड़की से 2017 में हुई थी। पत्नी के मुताबिक, कुछ दिन सबकुछ ठीक रहने के बाद दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई। पति ने दहेज की मांग करते हुए उसके साथ मारपीट और उसे गाली देना शुरू कर दिया।

इसके साथ ही मर्जी के खिलाफ उसके साथ जबरन संबंध भी बनाए। प्रताड़ना से तंग आकर पत्नी ससुराल छोड़ अपने मायके बेमेतरा चली गई, जहां उसने अपने पति के खिलाफ अप्राकृतिक संबंध बनाने सहित, दहेज प्रताड़ना और बलात्कार के तहत मामला दर्ज करवा दिया था।

डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने पति को ठहराया दोषी
ये पूरा मामला बेमेतरा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट पहुंचा था, जहां अदालत ने पति को तीनों आरोपों में दोषी माना था। हालांकि, बेमेतरा कोर्ट ने इस पर अभी सजा नहीं सुनाई है। पति ने निचली अदालत के इस फैसले को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अब कोर्ट ने उसे बलात्कार के आरोपों से मुक्त कर दिया है।

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