भाजपा में CM फेस को लेकर सियासत, बड़ा सवाल-2023 में कौन होगा BJP का चेहरा?  

भाजपा में CM फेस को लेकर सियासत, बड़ा सवाल-2023 में कौन होगा BJP का चेहरा?  

जयपुर : कांग्रेस पर भाजपा द्वारा भले ही अंतर्कलह के आरोप लगाए जाते रहे हो, लेकिन भाजपा में भी अंदरखाने की सियासत 2023 के चेहरे को लेकर है. कांग्रेस में दो चेहरों को लेकर सियासत है, तो भाजपा में कई चेहरे और सियासत है. लोगों के जहन में सवाल एक है कि आखिर 2023 में भाजपा का चेहरा कौन होगा. भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकर लगातार बयान देते हैं. कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी से लेकर फूट की बात कहते हैं. तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी भी कांग्रेस के निशाने पर लगातार रहती है. भले ही pcc चीफ गोविंद सिंह डोटासरा हो या प्रताप सिंह खाचरियावास या अन्य नेता.  बयानों में कांग्रेस के आरोप होते हैं भारतीय जनता पार्टी में अभी से ही हाल है कि ना सूत न कपास और जुलाहों में लट्ठम लट्ठा.

भाजपा की अंदरूनी राजनीति उस वक्त खुलकर सामने आई:

भारतीय जनता पार्टी भले ही बयानों में इस तरीके की बातों से इंकार करती हो, लेकिन भाजपा की अंतर्कलह और नेताओं का एंबिशियस होना किसी से छिपा नहीं है. बात करने पर भाजपा के नेताओ के जवाब कुछ इस तरह आए होते हैं. भाजपा की अंदरूनी राजनीति उस वक्त खुलकर सामने आई जब कई नेताओं के समर्थकों ने नेक्स्ट सीएम या अगला मुख्यमंत्री या फिर भविष्य का मुख्यमंत्री नाम से अपने अपने नेताओं के सोशल मीडिया पर पेज बना लिए थे. कई नेताओं के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर अपने नेता को भविष्य का मुख्यमंत्री करार दे दिया था. हालांकि उन नेताओं का भले ही इत्तेफाक ना हो लेकिन उनके समर्थक पेज बनाते हैं तो चर्चाएं होना भी लाजमी है.

भारतीय जनता पार्टी में चेहरे की लड़ाई नई नहीं:

भारतीय जनता पार्टी में चेहरे की लड़ाई नई नहीं है और किसी भी सियासी पार्टी में ऐसा होना लाजमी भी है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की लड़ाई हुई कांग्रेस की बाड़े बंदी से लेकर पोस्टर पॉलिटिक्स तक होते हुए बयानों तक आई. कहीं प्रत्यक्ष बयान दिए गए तो कहीं पर अप्रत्यक्ष इशारों में बात कही गई. लेकिन पिछले दिनों जब भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा निकली तो तो फिर से भाजपा में भविष्य के चेहरों को लेकर राजनीतिक तौर पर चर्चाएं फिर से शुरू हो गई. भूपेंद्र यादव के इस दौरे को लेकर उनके भविष्य के चेहरे को लेकर जब पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि भारतीय जनता पार्टी में चेहरों की कोई कमी नहीं. पार्टी सभी चेहरों को साथ लेकर चलती है.

समर्थक भविष्य के मुख्यमंत्री का करते हैं दावा:

भविष्य में जिन चेहरों को लेकर बात कही जाती है उन चेहरों में कहीं पर तो उनके समर्थक भविष्य के मुख्यमंत्री का दावा करते हैं. तो कहीं पर सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी अपने अपने नेताओं को भविष्य का चेहरा बताते हुए दावा करते हैं. पार्टी में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भले ही खुद इस मुद्दे पर खामोश हो लेकिन उनके समर्थक लगातार उन्हें भविष्य का चेहरा बनाए जाने की बात और मांग करते हैं. वसुंधरा राजे के जन्मदिन पर भरतपुर संभाग की यात्रा और कथित शक्ति प्रदर्शन ने काफी कुछ जाहिर भी कर दिया. वसुंधरा समर्थकों का कहना है कि इन हालातों में कांग्रेस से मुकाबला वसुंधरा राजे कर सकती है जो कि 2 बार भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री रही है. यही कारण है कि उनके समर्थकों ने वसुंधरा राजे समर्थक मंच और टीम वसुंधरा राजे भी बना रखा है.

भूपेंद्र यादव की जन आशीर्वाद यात्रा:

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और केंद्र में मंत्री बने भूपेंद्र यादव की जन आशीर्वाद यात्रा को भले ही भारतीय जनता पार्टी ने आलाकमान के निर्देश पर भव्य बनाया हो. जिसके तहत केंद्र में मंत्री बने सभी प्रमुख नेताओं को अपने-अपने राज्यों में जाकर जन आशीर्वाद यात्रा निकालनी थी. लेकिन भूपेंद्र यादव की इस जन आशीर्वाद यात्रा की तस्वीरें, इन दिनों तेजी चर्चाओ में है. एक बड़ा तबका अब कहने लगा है कि भूपेंद्र यादव हरियाणा ही नहीं राजस्थान का भी भविष्य का चेहरा बन सकते हैं. यहां भी खुद भूपेंद्र यादव इस पूरे मुद्दे पर खामोश है शांत है.  और भूपेंद्र यादव ने कहा कि भविष्य में bjp की टीम राजस्थान 2023 में जीत हासिल करेगी. हालांकि भूपेंद्र यादव के राजस्थान दौरे ने भाजपा के पोस्टर वार को समाप्त करवा दिया पार्टी का प्रदेश संगठन जहां वसुंधरा राजे की तस्वीर कार्यक्रमों से नदारद रहती थी तो वही यादव के इस दौरे ने एकजुटता का मैसेज देने की कोशिश की और वसुंधरा राजे की तस्वीरें भी पोस्टर्स में लगवाई.

पूनिया के पोस्टर्स और बयान भी काफी कुछ सियासी तौर पर कर देते हैं बयां:

वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के समर्थक भी उन्हें भविष्य का चेहरा इसलिए बताते हैं कि वह फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष है. पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष भी एक चेहरा होता है. प्रयास इस बात को लेकर लग रहे हैं कि 2022 में जब उनका कार्यकाल पूरा होगा तो उसके करीब 1 साल बाद विधानसभा चुनाव है. ऐसे में पार्टी उन्हें कंटिन्यू करके उनके नेतृत्व में चुनाव भी करवा सकती है. दूसरी तरफ सतीश पूनिया ने भी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान फर्स्ट इंडिया न्यूज़ से बातचीत करते हुए इशारों इशारों में कह दिया कि वह भी राजस्थान के विभिन्न जिलों की यात्रा या फिर दौरे करेंगे. पूनिया के पोस्टर्स और बयान भी काफी कुछ सियासी तौर पर बयां कर देते हैं.

फेहरिस्त में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का भी नाम:

बात यहीं पर खत्म नहीं होती है अभी भी ऐसे कई चेहरे हैं जो भले ही बहुत ज्यादा बयानबाजी से बचते हैं. लेकिन उनके समर्थक भी किसी ना किसी अंदाज में उन्हें भविष्य का चेहरा बताते रहते हैं. इस फेहरिस्त में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का भी नाम है. गजेंद्र सिंह शेखावत की पार्टी के हर बड़ी बैठक में सक्रियता कोर टीम में मजबूती से विचार व्यक्त करना और विचार परिवार में सक्रिय रहना इए बात को बयां करता है. शेखावत के समर्थन में कई लोग और कार्यकर्ता की उन्हें भविष्य का भाजपा का चेहरा बताते नजर आते हैं. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की भले ही उम्र अब उस लिहाज से साथ नहीं दे रही हो लेकिन कटारिया को लेकर अभी भी कानाफूसी में उन्हें भविष्य का चेहरा बनाए जाने की बात करते हुए कभी कभार कार्यकर्ता नजर आ जाते हैं. हालांकि गुलाबचंद कटारिया हमेशा यही कहते हैं कि मैं पार्टी का सामान्य कार्य करता हूं मुझे पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी मैं निर्वाहन करूंगा.

राजेंद्र राठौड़ को भाजपा की सियासत का एक लंबा अनुभव:

उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को भाजपा की सियासत का एक लंबा अनुभव है. कहा यह भी जाता है कि राजनीतिक रूप से भाजपा के तेज तर्रार नेताओं में उनका नाम है. राजेंद्र राठौड़ के भी फूल और उन्हें राजस्थान में भाजपा के भविष्य के चेहरे के तौर पर देखते हैं और कभी कभार सोशल मीडिया पर भी उनके समर्थन में खुलकर लिखते भी हैं. राजेंद्र राठौड़ भी पार्टी की तमाम अहम बैठकों से लेकर राजनीतिक निर्णयों में प्रदेश संगठन के साथ मौजूद रहते हैं. हालांकि राजेंद्र राठौर इस तरीके की बातों से हमेशा मुंह फेरते हुए इनकार करते हैं.

राजस्थान की सियासत पर माथुर की नजर हमेशा से ही रही:

ओम प्रकाश माथुर भले ही दिल्ली में बहुत ज्यादा सक्रिय रहते हो लेकिन राजस्थान की सियासत पर माथुर की नजर हमेशा से ही रही है भले ही वह महाराष्ट्र गुजरात झारखंड उत्तर प्रदेश या किसी अन्य राज्य के प्रभारी रहे हो. माथुर की सक्रियता को भी कार्यकर्ता राजस्थान से जोडकर उन्हें 2023 के लिहाज से देखते हैं. हालांकि ओम प्रकाश माथुर भी कभी भी मुख्यमंत्री के विषय को लेकर कोई बयान नहीं दिए हैं और यही कहते हैं कि उनकी पार्टी में सारे निर्णय लोकतांत्रिक रूप से संसदीय बोर्ड ही करता है. लेकिन माथुर भी क्या करें जब उनके समर्थकों ने भविष्य के चेहरे के तौर पर देखते हैं और सोशल मीडिया पर लिखने से नहीं चूकते. उत्तर प्रदेश में भाजपा के संगठन महामंत्री सुनील बंसल राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं सुनील बंसल राजस्थान की राजनीति से दूर ही रहते हैं लेकिन फिर भी सुनील बंसल के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दायित्व के दौरान जुड़े रहे कार्यकर्ता भी अब भाजपा में सक्रिय है. अक्सर खुलकर भले ही ना लिखते हो लेकिन जब भी कानाफूसी में बातचीत होती है तो यही कहते नजर आते हैं कि सुनील बंसल भी राजस्थान में एक बड़ी संभावना हो सकते हैं.

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