
हत्या के मामले में जांच अधिकारी बदलने के लिए पुलिस अधीक्षक से की मांग






बीकानेर। जिले के श्रीडूंगरगढ़ पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर संख्या 238/21 में पीडि़त पक्ष ने जांच अधिकारी पर एक पक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए एसपी को ज्ञापन सौंपकर जांच अधिकारी बदलने की मांग की है। लालासर निवासी प्रार्थी नोपाराम पुत्र पदमाराम मेघवाल का आरोप है कि मामले की जांच श्रीडूंगरगढ़ थानाधिकारी द्वारा शुरू की गई। थानाधिकारी द्वारा उसे व उसके परिवार के सदस्यों पर मामले में आरोपियों से राजीनामा करने का दबाव बनाया जा रहा है। आरोपी थानाधिकारी के पास बैठे रहते है जो कि खुलेआम धमकियां दे रहे है कि उनको कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
आरोप है कि थानाधिकारी को घटना के समय की फोटो भी पेश किये जिसमें बिजली के नंगे तार जो रास्ते के बीच में लगाये हुए थे। घटना से संबंधित समस्त आलामत बताई जिन्हें थानाधिकारी द्वारा मौके से बरामद तो कर लिये परंतु किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की। प्रार्थी का आरोप है कि घटना के बाद बिना कोई जांच किये मारे गये उसके भाई जयनारायण के शव का पोस्टमार्टम कर बॉडी सुपुर्द कर दी। जबकि थानाधिकारी को घटना के दिन आरोपिगणों द्वारा रास्ते के बीच में लगाये गये बिजली के तारों के बारे में बता गया था।
प्रार्थी ने बताया कि जांच अधिकारी के व्यवहार से उसे निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है। इसलिए मुकदमें की जांच किसी अन्य थानाधिकारी से करवाई जाए।
यह है घटनाक्रम
परिवादी पेमाराम ने बताया कि 11 अगस्त को श्रीडूंगरगढ़ पुलिस थाने में एफआईआर संख्या 238/21 के अंतर्गत धारा 304, 34 भा.द.सं. में दर्ज करवाई थी। जिसमें आरोप था कि 1 अगस्त को परिवादी व उसका भाई जयनारायण व नोपाराम तीनों लालासर निवासी शंकरलाल पुत्र मूलाराम के खेत में मूंगफली में निनाण करने के लिए मोटरसाइकिल लेकर गये थे। तीनों दोपहर के एक बजे मोटरसाइकिल पर सवार होकर वापस हमारे खेत जाने के लिए कच्च रास्ते से रवाना हुवे। इस दौरान मंशाराम पुत्र आसूराम व पूर्णाराम पुत्र उदाराम के खेतों के बीच स्थित रास्ते पर पहुंचे तो पूर्णाराम पुत्र उदाराम, भंवरलाल, पुरखाराम पुत्रगण पूर्णाराम, राकेश पुत्र मंशाराम के द्वारा कच्चे रास्ते के बीचों बीच बिजली का नंगा तार लगा रखा था। ये नंगा तारा मोटरसाइकिल चला रहे उसके भाई जयनारायण के गले पर लगा जिससे उसका गला कट गया। आरोप है कि इस दौरान तीनों भाईयों को करंट लगा और जयनारायण की मौके पर मौत हो गई। उसके बाद दुसरे खेतों के लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। परिवादी ने नोपाराम का आरोप है कि आरोपिगणों के साथ बच्चों की बात को लेकर रंजिश चल रही थी। आरोपिगणों ने हत्या करने के उद्देश्य से रास्ते के बीच बिजली के तार लगाये।


