Gold Silver

थर्ड वेव की आशंका के बीच खुल रहे स्कूल:एक्सपर्ट्स ने दी अपनी राय 

कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बीच भारत समेत कई देशों में स्कूल-कॉलेज खोले जा रहे हैं। महामारी का खतरा तो नहीं टला है, लेकिन वैक्सीन आने के बाद धीरे-धीरे सब कुछ न्यू नॉर्मल की ओर बढ़ रहा है।

अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च में स्कूल-कॉलेज खोले जाने को लेकर हीट, वेंटिलेशन और एयर कंडिशनिंग (HVAC) सिस्टम पर ध्यान देने को कहा है। शोधकर्ताओं के मुताबिक महामारी के बीच करीब डेढ़ साल के इंतजार के बाद स्कूल-कॉलेज फिर से खुलने लगे हैं। ऐसे में क्लासरूम में वेंटिलेशन, अच्छी हीटिंग और एयर कंडीशनिंग का विशेष तौर पर ध्यान रखना जरूरी है।

अमेरिका की मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) ने अपनी स्टडी ने बताया है कि क्लासरूम में HVAC सिस्टम हवा के कणों में मौजूद वायरस को एक जगह देर तक टिकने नहीं देता है। इससे बहुत हद तक कोरोना जैसे वायरस से सुरक्षित रहा जा सकता है।

साधारण कमरों में मानक से ज्यादा होते हैं एयरोसोल

MIT में आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग के प्रोफेसर लियोन ग्लिक्समैन ने कहा, एक साधारण कमरे में एयरोसोल मानक से ज्यादा होते हैं। रिसर्च में ये बात सामने आई कि एक कमरे में एक से अधिक लोगों के साथ होने के दौरान ये एयरोसोल मानक से 50 से 150% तक ज्यादा पाए गए। खुली जगह पर भी संक्रमण एयरोसेल के जरिए टिका रहता है। हवाएं चलने पर यह दूसरी जगहों तक पहुंचता है या खत्म हो जाता है।

सांस के जरिए शरीर के अंदर पहुंचते हैं एयरोसोल

लोगों के सांस लेने और सांस छोड़ने के दौरान ये एयरोसोल शरीर के अंदर आते-जाते रहते हैं। ऐसे में हवा में तैर रहे वायरस के शरीर में जाने की आशंका बनी रहती है। कोरोना महामारी के बीच ये एयरोसोल स्वस्थ लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकते हैं। हालांकि वेंटिलेटेड कमरों में ऐसी समस्या कम ही होती है।

एयरोसोल को शरीर में जाने से रोकता है मास्क

स्टडी में बताया गया है कि एयरोसोल को शरीर में जाने से रोकने के लिए अच्छी मास्किंग जरूरी है। स्कूल या कॉलेज के अलावा किसी भी जगह मास्किंग आपको बहुत हद तक वायरस से सुरक्षित रखती है।

प्रोफेसर ग्लिक्समैन बताते हैं कि एक सामान्य व्यक्ति जब सांस छोड़ता है तो उस समय एयरोसोल की गति 1 मीटर प्रति सेकेंड होती है। वहीं जब इंसान खांसता है तो एयरोसोल की गति बहुत तेज होती है। ऐसे में मास्क इस गति को रोक देता है। कहने का मतलब यह है कि अगर किसी इंसान में संक्रमण के लक्षण हैं और उसने मास्क लगाया हुआ है तो वह कम से कम लोगों को प्रभावित कर सकता है।

Join Whatsapp 26