
युवकों को जबरदस्ती कार में बैठाकर 40 हजार रुपए लूटे, दबाव बनाया तो हुआ खुलासा; चारों कॉन्स्टेबल सस्पेंड





अलवर के गोविंदगढ़ में लूट के मामले में एसपी ने बुधवार को 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा लूट में शामिल एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, 29 जुलाई को गोविंदगढ़ में 3 पुलिसकर्मियों समेत 4 लोगों ने मिलकर बाइक सवार दो युवकों से 40 हजार रुपए की लूट की थी। वारदात के बाद जब पीड़ित थाने पहुंचे तो चौथे पुलिसकर्मी ने उस पर समझौता करने का दबाव बनाया। पीड़ितों ने जब इसकी शिकायत आला अधिकारियों से की तो 13 दिन बाद चारों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। खास बात यह है कि ये चार पुलिसकर्मी अलवर शहर के तीन अलग-अलग थानों एनईबी, शिवाजीपार्क व सदर थाने में तैनात थे। लूट की वारदात में शामिल तीनों पुलिसकर्मी 30 जुलाई से ही ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे।
अपराधियों की तरह किया बाइक पीछा फिर लूटा
गोविंदगढ़ निवासी पीड़ित साहिल ने 29 जुलाई को स्थानीय थाने में रिपोर्ट दी थी कि वह अपने साले के साथ बाइक से जा रहा था। उनके पीछे से एक निजी कार आई। इसमें 4 लोग सवार थे। उन्होंने बाइक को रुकवाया। इसके बाद जबरदस्ती से कार में बैठा कर सुनसान जंगल में ले गए। वहां उनसे 27 हजार रुपए कैश छीन लिए। इसके बाद धमकाते हुए 13 हजार रुपए पेटीएम के जरिए अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करवा लिए। इसके बाद आरोपी उन्हें जंगल में छोड़कर भाग गए।
ऐसे खुला पुलिस और बदमाश के गठजोड़ का राज
एसपी तेजस्वनी गौतम ने बुधवार शाम को इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि लूट में अलवर के एनईबी थाना में कार्यरत कांस्टेबल अनीश व गंगाराम और शिवाजी पार्क थाने के कॉन्स्टेबल नरेंद्र शामिल थे। लूट का मुख्य आरोपी राहुल है। पुलिस में शिकायत आने के बाद कार के नम्बर और पेटीएम से बैंक खाते में ली गई रकम के आधार पर आरोपियों का पता लगा। पहले अज्ञात के खिलाफ मुकदमा था। लेकिन एक दिन पहले ही गोविंदगढ़ थाना पुलिस की जांच में तीन पुलिसकर्मियों का लूट में शामिल होना सामने आया।
दबाव वाला कांस्टेबल चढ़ा पुलिस के हत्थे
पीड़ित के मुकदमा दर्ज करवाने के बाद सदर थाने के कांस्टेबल रामजीत ने साहिल को ही फोन करके समझौता करने का दबाव बनाया। एसपी ने बताया कि रामजीत के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। मुख्य आरोपी राहुल की गिरफ्तारी के बाद अब तीन कांस्टेबल की गिरफ्तारी होना शेष है।
30 जुलाई से ही थाने नहीं आ रहे
एनईबी थाने में कार्यरत कॉन्स्टेबल अनीश व गंगाराम और शिवाजी पार्क के कॉन्स्टेबल नरेंद्र 30 जुलाई से ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे। इसका मतलब पीड़ित ने पहले ही पुलिसकर्मियों के लूट में शामिल होने का शक जाहिर किया था। यही वजह थी कि वारदात के बाद से तीनों पुलिसकर्मी ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे। इस बीच एक अन्य थाने के पुलिसकर्मी ने मामला दबाने के लिए पीड़ित पर दबाव बनाने की कोशिश की। हालांकि, बाद में दबाव बनाने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की गई।


