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बहुचर्चित भंवरी देवी केस में 10 साल बाद 6 को जमानत, यह है मामला

राजस्थान हाईकोर्ट ने मंगलवार को बहुचर्चित भंवरी प्रकरण के 6 आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। इन सभी को जमानत देने का आधार सुप्रीम कोर्ट का फैसला बना। सुप्रीम कोर्ट ने एक आरोपी परसारम को जमानत प्रदान की थी। इस मामले में मुख्य आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की जमानत याचिका पर मंगलवार को फैसला नहीं हो पाया। कैंसर की बीमारी का इलाज कराने के लिए वे फिलहाल अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं। उनकी जमानत के बारे में फैसला 23 अगस्त को किया जाएगा।

टर्म एंड कडीशन के आधार पर जमानत

भंवरी प्रकरण में एक आरोपी परसराम विश्नोई को 27 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत प्रदान की थी कि ट्रायल में विलम्ब होने के कारण किसी व्यक्ति को अनिश्चितकाल के लिए जेल में बंद नहीं रखा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम मानते है कि यह मामला बेहद गंभीर व जघन्य अपराध से जुड़ा है। लेकिन ट्रायल में हो रहे विलम्ब के कारण किसी आरोपी को अनिश्चितकाल के लिए जेल में बंद रखना उचित नहीं होगा। ऐसे में हम सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ट्रायल कोर्ट की टर्म एंड कडीशन के आधार पर जमानत प्रदान करते है।

अब उम्मीदें बंधीं

परसराम को मिली जमानत के बाद लंबे अरसे से जेल में बंद अन्य आरोपियों को भी जमानत मिलने की उम्मीदें बंध गईं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को आधार बना महिपाल मदेरणा, ओमप्रकाश, पुखराज, दिनेश, सहीराम, उमेशाराम व अशोक ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। मंगलवार को न्यायाधीश दिनेश मेहता ने इन जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की। उन्होंने महिपाल मदेरणा को छोड़ अन्य सभी को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। ये लोग करीब 10 साल बाद जेल से बाहर आएंगे। मदेरणा इन दिनों अपनी बीमारी का इलाज कराने के लिए अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं। उनकी अंतरिम जमानत की अवधि 23 अगस्त को पूरी हो रही है। ऐसे में हाईकोर्ट 23 अगस्त को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा।

यह है मामला

जोधपुर जिले के बिलाड़ा थाने में अमरचंद नाम के एक व्यक्ति ने एक सितम्बर 2011 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी पत्नी एएनएम भंवरी देवी लापता है। साथ ही उसने अपनी पत्नी के अपहरण की आशंका जताते हुए तत्कालीन राज्य सरकार में मंत्री महिपाल मदेरणा सहित दो-तीन लोगों पर शक जाहिर किया। इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया। मामले की जांच कुछ आगे बढ़ती, इस बीच राज्य सरकार ने बढ़ते विरोध को ध्यान में रख मामले की जांच CBI को सौंप दी। CBI ने 3 दिसम्बर 2011 को महिपाल मदेरणा के पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बाद में इस मामले में कांग्रेस विधायक मलखान सिंह विश्नोई का भी नाम आया। उन्हें भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा इस मामले में 15 अन्य गिरफ्तारियां भी हुईं। इसके बाद से महिपाल व मलखान अभी तक जेल में ही है। CBI का दावा है कि भंवरी देवी का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई। बाद में शव को जला कर उसकी राख को राजीव गांधी लिफ्ट नहर में बहा दिया गया। यह मामला अब कोर्ट में विचाराधीन है।

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