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राजस्थान में मानसून के 68 दिन में 80 की मौत

राजस्थान में इस साल मानसून सीजन (जून, जुलाई और अगस्त) में अब तक 80 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा 16 लोगों की मौत बूंदी जिले में हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर बाढ़ से हुए नुकसान की जानकारी ली। इसी दौरान इसका खुलासा हुआ। आपदा राहत प्रबंधन के प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार ने बताया कि इस पूरे मानसून (करीब 68 दिन) में बिजली गिरने, बारिश के पानी में बहने सहित अन्य प्राकृतिक आपदा से 80 लोगों की जान चली गई है। 55 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। उन्होंने बताया पिछले दिनों कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़ और सवाई माधोपुर में हुई तेज बारिश से नुकसान का आकलन कराया जा रहा है।

25 फीसदी तक फसल खराब होने की आशंका
कोटा संभाग में हुई बाढ़ के कारण कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ के कुछ जिलों में फसल के खराब होने की आशंका बढ़ गई है। कोटा जिले के कई गांव के खेतों में पानी भर गया है। सबसे ज्यादा सोयाबीन की फसल प्रभावित हुई है। बूंदी, बारां जिला प्रशासन और कोटा प्रशासन की ओर से 5 से 25 फीसदी तक फसल बर्बाद होने की आशंका जताई जा रही है।

इन जिलों में हुई इतनी मौत
कोटा 6, बूंदी 16, धौलपुर 3, जयपुर 15, सवाई माधोपुर 4, टोंक 8, जोधपुर, करौली, चित्तौड़गढ़, जोधपुर और उदयपुर में 3-3, बारां 2, भरतपुर, भीलवाड़ा में 2-2 और झालावाड़, डूंगरपुर, जैसलमेर, बांसवाड़ा, दौसा, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, अजमेर और अलवर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।

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