
आखिर जांच से क्यों कतरा रहे है अधिकारी,प्रभारी के दावे भी फेल






उदासर ग्राम पंचायत प्रकरण
खुलासा न्यूज,बीकानेर। कहने को तो प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने आप को पारदर्शी सरकार कहती आ रही है। लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है। इसका जीता जागता उदाहरण जिले में शिकायतों के निस्तारण से लगाया जा सकता है। हालात यह है कि प्रभारी मंत्री गोविन्द डोटसरा को भी दिए गये ज्ञापनों पर अब तक कार्यवाही नहीं हो रही है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर अधिकारी शिकायत की जांच करने से कतरा क्यों रहे है। ऐसा न कर वे राज्य सरकार की छवि को धूमिल करने में लगे हुए है। मामला ग्राम पंचायत उदासर का है। जिसके कुछ सजग नागरिकों ने पूर्व सरपंच जेठी देवी के कार्यकाल 2015-20 तक के कार्यों की निष्पक्ष जांच करवाने के लिये निचले स्तर के अधिकारी से लेकर मंत्री तक अपनी गुहार लगा चुके है। लेकिन अब तक शिकायत पर गौर नहीं किया गया है। महज खानापूर्ति कर निचले स्तर के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट कर इतिश्री कर ली है। जानकारी मिली है कि भ्रष्टाचा निरोधक ब्यूरो में भी छ:महीने पहले ग्रामवासियों ने अपना परिवाद पेश किया था। उस पर भी कार्यवाही न के बराबर ही हुई है। ग्रामीणों ने अपनी शिकायत में गांव में सड़कों व नालियों के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल करने,बिना लेवल के ही इनका निर्माण करने,तय निविदा के अनुसार कार्य नहीं करने तथा निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के भुगतान में गड़बड़झाला के पुख्ता दस्तावेज देने के बाद भी विभागीय अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि राजनीतिक दबाव के चलते अधिक ारी भी कार्यवाही करने से कतरा रहे है।
आय से अधिक की भी जांच नहीं
ग्रामवासियों ने आय से अधिक होने के मामले को लेकर भी विभागीय शिकायत दर्ज करवा रखी है,किन्तु इसकी भी सत्यता न तो विभाग के अधिकारी जांच पा रहे है और न ही जिला प्रशासन। ऐसे में सरकार के संपर्क पोर्टल पर शिकायतों का अंबार लगा हुआ है।


