
राजस्थान / दिल दे बैठे थे डॉक्टर साहब, युवती तक पहुंची पुलिस तो हुआ खुलासा






आगरा से किडनैप हुए डॉक्टर की तलाश के लिए आगरा व धौलपुर पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन चलाया। गुरुवार को धौलपुर जिले के भमरोली गांव के पास बीहड़ से सुबह 4 बजे डॉक्टर को छुड़ाया कराया गया। पहले यह किडनैपिंग का मामला था। बाद में पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो कहानी हनीट्रैप की निकली।
दिल दे बैठे थे डॉक्टर साहब
आगरा के डॉक्टर उमाकांत एक 30 साल की युवती को अपना दिल दे बैठे थे। इस दौरान फोन पर बात होने लगी और कई बार होटल में मिलने भी लगे। इसी बीच युवती ने अपहरण का षड्यंत्र रचा। डकैत बदन सिंह तोमर से इसके लिए संपर्क साधा। मंगलवार को डॉक्टर को होटल बुलाया और इसके बाद अपहरण कर उन्हें धौलपुर के बीहड़ में ले आए। इसके लिए 5 करोड़ की फिरौती मांगी, लेकिन 1 करोड़ में डील हुई। पुलिस ने जांच शुरू की तो सामने आया कि संध्या ने जिस डकैत से किडनैपिंग व फिरौती के लिए सौदा किया था वो खुद उसे मारना चाहता था। इससे पहले ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया और संध्या की जान बच गई। इधर, डॉक्टर के किडनैप की सूचना मिलते ही आगरा पुलिस अलर्ट हो गई। शुरुआत में मिली जानकारी के आधार पर यूपी पुलिस राजस्थान आई और यहां धौलपुर पुलिस के साथ जॉइंट ऑपरेशन चला डॉक्टर उमाकांत को छुड़ाया।
भाई को लेकर आई थी
डॉक्टर उमाकांत के पास मंगला उर्फ संध्या उर्फ अंजलि अपने भाई के पथरी के ऑपरेशन के लिए गई थी। इसके लिए संध्या मथुरा से एक युवक को लेकर डॉक्टर के आगरा में विद्या नर्सिंग होम पहुंची, जहां उसने युवक के पथरी का ऑपरेशन कराया। इस बीच, उसने डॉक्टर का नंबर भी ले लिया और बताया कि वह महाराष्ट्र से है। अब आगरा के बुंदू कटरा इलाके में रहने लगी है। धीरे-धीरे दोनों के बीच फोन पर बातें होने लगीं। लव अफेयर वाला एंगल शुरू हो गया। दोनों एक-दूसरे से होटल में भी मिलने लगे।
अपहरण की योजना
संध्या ने डॉक्टर के अपहरण की योजना बनाई। मंगलवार की शाम डॉक्टर उमाकांत के पास ऑपरेशन के कई अप्वाइंटमें थे। तभी अचानक साढ़े सात बजे संध्या का फोन आया। संध्या ने कहा डॉक्टर को किसी होटल में मिलने को कहा। डॉक्टर उससे मिलने के लिए हॉस्पिटल से निकल गए। संध्या और डॉक्टर दोनों ही साथ में थे। इसी दौरान उसके साथी आ गए और उन्हें घेर लिया। संध्या ने भी मौके का फायदा उठा गाड़ी की चाबी निकाल ली और साथियों के सुपुर्द कर दिया। डॉक्टर रात 11 बजे तक घर नहीं पहुंचे तो उनकी पत्नी ने पुलिस को लापता होने की सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई और फोन लोकेशन ट्रेस किया। धौलपुर के सैयां इलाके में लोकेशन मिली।
डॉक्टर की कार से खुली पोल
डॉक्टर को छुड़ाने में अहम भूमिका निभाने वाले हेड कांस्टेबल दयाल चंद ने बताया की धौलपुर सिटी में अपने दो और साथियों के साथ गश्त पर थे। रात करीब एक बजे उनकी गाड़ी को एक नीले रंग की कार ने ओवरटेक किया। उन्होंने देखा कि कार में एक 24 साल का युवक है। उन्होंने कार के आगे अपनी गाड़ी लगा दी। जब कार चालक से पूछताछ की तो वो घबरा गया। उसने पुलिस को बताया कि वो डॉक्टर का ड्राइवर है। किसी काम से यहां आया है। जब उससे डाक्टर से बात कराने को कहा तो उसने 500 रुपए का नोट दिया। मना करने पर उसने एक हजार रुपए दिए। बाद में पांच हजार रुपए देने लगा। तब उन्हें शक हुआ कि यह आदमी गलत है। ऐसे में वो उसे गाड़ी सहित निहालगंज थाने ले आए।
युवती तक पहुंची पुलिस तो हुआ खुलासा
युवक को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो पता चला कि एक युवती भी अपहरण में शामिल थी। डॉक्टर की लोकेशन के आधार पर आगरा एसपी बोत्रे रोहन प्रमोद के निर्देशन में धौलपुर में कॉम्बिंग शुरू की गई। बुधवार देर रात पुलिस को डॉक्टर की लोकेशन के बारे में पता लगा। इसके बाद गुरुवार सुबह डॉक्टर उमाकांत को धौलपुर जिले के भमरोली गांव के पास बीहड़ से छुड़ाया। सभी बदमाश मौके से भाग गए थे। पुलिस के अनुसार, डॉक्टर का किडनैप बदन सिंह तोमर गैंग ने किया था। यह गैंग केशव गुजर गैंग से जुड़ा हुआ है, जो बीहड़ में सक्रिय है। फिलहाल पुलिस गैंग के लीडर की तलाश कर रही है।
करोड़ो में फिरौती का प्लान बनाया
फिरौती की बड़ी राशि सुन डकैत बदन सिंह की नीयत खराब हो गई। उसने संध्या को मारने का प्लान बनाया। इसी बीच, पकड़े गए युवक ने किडनैपिंग का पूरा राज खोल दिया था। इसके बाद रात ढाई बजे जब पुलिस गश्त पर निकली तो एक बाइक पर युवती और एक लड़का दिखाई दिया। उन्होंने उसे रोका तो युवक बाइक छोड़कर भाग खड़ा हुआ। संध्या को उन्होंने पकड़ लिया। संध्या पूछताछ में बार-बार बयान बदलती रही। जो युवक बाइक छोड़ भागा था, वह डकैत का साथी था। संध्या को मारना चाहता था। हेड कांस्टेबल ने बताया कि जब आवाज बदल युवक के फोन से बात की तो इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद संध्या ने बताया कि वह डॉक्टर को हनीट्रैप में फंसाना चाहती थी। संध्या डॉक्टर को किडनैप कर बदन नाम के बदमाश के हवाले कर फिरौती की रकम लेना चाहती थी लेकिन बदन सिंह और उसके साथियों ने संध्या को ही मारने का प्लान बना डाला। ऐसे में यदि पुलिस संध्या को गिरफ्तार नहीं करती तो उसे मार दिया गया होता।


