
खुलासा पड़ताल : बीकानेर में गुणवत्ता और सही मात्रा में नहीं मिल रहा पेट्रोल और डीजल, जिम्मेदार मौन, सवालों के कटघरे में डीएसओ भाकर





– कुशालसिंह मेड़तिया की विशेष रिपोर्ट
खुलासा न्यूज, बीकानेर। जहां सरकार उपभोक्तओं को सही माप-तौल और गुणवत्तापूर्वक सामान देने के दिशा-निर्देश जारी करती है और साल में दो बार उपभोक्ता दिवस के रूप में प्रशासन के जिम्मेदार उपभोक्ताओं को अनेक बार की सीख और संदेश देते है लेकिन यह संदेश धरातल पर कभी खरे नहीं उतरते। हकीकत यह है कि अनेक बार मिलावट खौरों के खिलाफ आने वाली शिकायतें भी भोलाराम का जीव की तरह फाइलों में दबकर रह जाती है। केवल त्यौहारी सीजन में दिखावटी बतौर कुछ कार्यवाही जरूर होती है परन्तु उनकी भी जांच रिपोर्ट सावर्जनिक नहीं हो पाती। ऐसा ही इन दिनों पेट्रोल-डीजल की गुणवत्ता में देखा जा रहा है। जहां एक और कीमतों में आग लगा रखी है वहीं दूसरी और पेट्रोल व डीजल की गुणवत्ता में कमी कोढ़ में खाज का काम कर रही है। इसको लेकर खुलासा टीम ने जांच पड़ताल की तो अनेक पेट्रोल पंपों पर यह खामियां सामने आई। जांच पड़ताल में सामने आया कि डीएसओ यशवंत भाकर द्वारा टीम तो गठित की गई , लेकिन एक साल में टीम निरीक्षण तक निकली नहीं। जांच व कार्यवाही की तो बेहद दूर की बात है। ऐसे में डीएसओ यशंवत भाकर संदेह के घेरे में है। अब सवाल उठना लाजमी है कि डीएसओ द्वारा बनाई गई टीम द्वारा पेट्रोल पंप की चेकिंग क्यों नहीं की जा रही है ? लगातार शिकायतें होने के बावजूद भी इसे नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है ? क्या पेट्रोल पंप के संचालक व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत है ?
इस संबंध में खुलासा न्यूज ने जब डीएसओ यशवंत भाकर से बात की तो उन्होंने कहा कि आज पेट्रोल व डीजल की शुद्धता कैसे याद आ गई ? विभाग द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। लेकिन हकीकत यह है कि विभाग द्वारा कोई भी मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है।
हालांकि पिछले दिनों विभाग ने अवैध बायोडीजल को लेकर एक पेट्रोल को जरूर सीज किया था।
क्या कहते हैं ग्राहक
पेट्रोल और डीजल क्रय करने वाले उपभोक्ताओं का कहना है कि पेट्रोल सीधा नोजल के जरिए वाहन के टैंक में डाला जाता है। इससे मात्रा संबंधी प्रश्न सदैव बने रहते हैं। पेट्रोल की गुणवत्ता को लेकर भी हमें कई तरह की शंका रहती है, लेकिन इसका निराकरण नहीं हो पाता। कई बार ऐसा होता है कि जितनी मात्रा में हम पेट्रोल डलवाते हैं। वाहन उतनी दूर तक नहीं चल पाते। इससे हर बार ऐसा शक होता है कि पेट्रोल कम मात्रा में डाला गया।
क्या कहते है पेट्रोल पंप के संचालक
शहर के एक पेट्रोल पंप संचालक का का कहना है कि पेट्रोल पंप की निगरानी के लिए न सिर्फ संबंधित विभाग बल्कि तेल कंपनियां भी जांच करती रहती है। वर्तमान में पेट्रोल पंप के सभी सिस्टम ऑनलाइन है। ऑनलाइन निगरानी के साथ ही तेल कंपनी के अधिकारी नियमित जांच करते रहते हैं। ऐसे में किसी भी पेट्रोल पंप के लिए मात्रा या अन्य तरह की गड़बड़ी कर पाना संभव नहीं है। हम सभी तरह कर नियमों का शब्दश: पालन करते हैं।
जांच करेंगे, कमी पाए जाने पर होगी कार्रवाई : डीएसओ भाकर
पेट्रोल पंप की जांच के लिए माप तौल विभाग और खाद विभाग के टीम गठित है। जिनके माध्यम से समय-समय पर जांच की जाती है। फिलहाल कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। इसके बावजूद भी हम इस मामले को संज्ञान में लेंगे और शहर के सभी पेट्रोल पंपों की रूटीन जांच कर कमी पाए जाने पर ठोस कार्रवाई भी करेंगे।
– यशवंत भाकर, डीएसओ, जिला रसद अधिकारी बीकानेर


