आखिर लगातार बढ़ती तेल की कीमतों का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट,लगी जनहित याचिका

आखिर लगातार बढ़ती तेल की कीमतों का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट,लगी जनहित याचिका

खुलासा न्यूज,बीकानेर।पेट्रोल व डीज़ल की बढ़ती कीमतों को देखकर शब्द अली ने अधिवक्ता विनायक चितलांगी, मधु त्यागी व रवैल भारतीय के जरिये उच्चतम न्यायलय में एक जन हिट याचिका (PIL Filling Number 10930/21) दायर की है की पेट्रोल डीज़ल को GST में शामिल करे ताकि एक राष्ट्र एक कीमत व आम आदमी को राहत मिल सके बढ़ती कीमत से। इस याचिका में न्यायालय अनुच्छेद 279-ए (5) के तहत प्रदान किए गए संवैधानिक आदेश का पालन करने के लिए जीएसटी परिषद को निर्देशित करने के लिए आवश्यक तत्काल कार्रवाई के लिए आग्रह किया है की GST COUNCIL पेट्रोलियम क्रूड, हाई स्पीड डीजल, मोटर स्पिरिट (आमतौर पर पेट्रोल के रूप में जाना जाता है), प्राकृतिक गैस और विमानन टर्बाइन ईंधन को GST SLAB में समलित करे । चुकी पिछले २ साल से पेट्रोल व डीज़ल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और इस बढ़ोतरी के कारण लगातार महंगाई में भी बढ़ोतरी हो रही है। अधिवक्ता रवैल भारतीय ने बताया की सत्ता में आने के बाद से सात वर्षों में, नरेंद्र मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमशः 45 और 61 प्रतिशत की वृद्धि की है – 71.41 रुपये और 57.28 रुपये से, 108.21 रुपये और 100.53 रुपये। अधिवक्ता विनायक चितलांगी ने बताया की यदि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत लाया जाता है, तो उन पर 28% कर लगाया जाएगा क्योंकि यह कर व्यवस्था में उच्चतम स्लैब है। वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोलियम उत्पादों पर 60% कर वसूल कर रही हैं। अगर पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो इससे केंद्र और राज्यों दोनों को 2 लाख करोड़ रुपये से 2.5 लाख करोड़ रुपये की कमी आएगी। रवैल भारीतय ने आगे बताया की अगर सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर 28 फीसदी टैक्स वसूलती है तो प्रति लीटर सिर्फ 14 रुपये ही वसूले जाएंगे, जबकि मौजूदा समय में यह 60 रुपये है। अगर पेट्रोल या डीजल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर है तो कर घटक 60 रुपये है जिसमें केंद्र के लिए 35 रुपये और संबंधित राज्यों के लिए 25 रुपये शामिल हैं। 35 रुपये प्रति लीटर टैक्स में से 42 फीसदी राज्यों को जाता है।इस PIL के उच्चतम न्यायालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया है ताकि भारत जहा विश्व में सबसे ज्यादा टैक्स है पेट्रोल व डीज़ल पे उस पर नियंत्रण पाया जा सके।

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