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मानसून सेशन पर छाएंगे आंदोलन के बादल:सत्र के दौरान रोज 200 किसान संसद के बाहर प्रदर्शन करेंगे

22 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सेशन में गरमाहट के आसार अभी से नजर आने लगे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि वो सभी विपक्षी दलों को वॉर्निंग लेटर भेजेगा। मोर्चा विपक्षी दलों से यह निश्चित करने के लिए कहेगा कि मानसून सेशन का इस्तेमाल किसान आंदोलन के समर्थन के लिए किया जाए। मोर्चा ने कहा कि 22 जुलाई से 200 किसान संसद के बाहर सत्र चलने तक रोज प्रदर्शन करेंगे।

वहीं, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार को कोई राजनीतिक पार्टी नहीं, बल्कि एक कंपनी चला रही है। तभी तो अब तक मामला सुलझाने के लिए क्यों कोई बातचीत शुरू नहीं की गई।

ममता और राकेश टिकैत ने बनाई थी संसद की स्ट्रैटजी

  • बंगाल की मुख्यमंत्री बनने के बाद ममता बनर्जी ने राकेश टिकैत से मुलाकात की थी। तय हुआ था कि गैर राजनीतिक कहे जा रहे किसानों के धरना स्थल को अब पॉलिटिकल रंग दिया जाएगा।
  • ममता का यह मंच किसानों के लिए बने मंच से अलग होगा। इसके अलावा तृणमूल सदन में भी किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरेगी।
  • बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रचार कर चुके राकेश टिकैत उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी भाजपा की मुखालफत करेंगे।
  • सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में तृणमूल कांग्रेस बहुजन समाज पार्टी के कई नेताओं से संपर्क में है। मायावती के बेहद करीबी सतीश चंद्र मिश्रा भी इनमें शामिल हैं। अभी यह साफ नहीं है कि तृणमूल अकेले चुनाव लड़ेगी या किसी के साथ।

राफेल के मुद्दे पर कांग्रेस डाल सकती है खलल
मानसून सेशन करीब आते ही कांग्रेस ने एक बार फिर राफेल डील का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस लीडर राहुल गांधी ने रविवार को भी ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री को घेरा। उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री इस डील की संयुक्त संसदीय कमेटी यानी JPC की जांच से बच क्यों रहे हैं। इसके जवाब में उन्होंने कुछ ऑप्शन भी दिए। 4 ऑप्शन में से एक था अपराधबोध और एक था कि मित्रों को बचाने के लिए मोदी इस जांच से बच रहे हैं।

पार्लियामेंट के बाहर किसान और अंदर विपक्षी सांसद सरकार को घरेंगे
संसद का मानसून सेशन 19 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हम संसद के बाहर बैठेंगे और सांसदों से अंदर मामला उठाने के लिए कहेंगे। सांसदों से कहेंगे कि वे पार्लियामेंट छोड़कर न जाएं, बल्कि समाधान नहीं मिलने तक सेशन न चलने दें। अगर विपक्षी सांसद हमारा मुद्दा नहीं उठा सकते तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

7 जुलाई को रात 12 बजे वाहनों के हॉर्न बजाने की अपील
किसान मोर्चा ने 8 जुलाई को पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के बढ़ते दाम का देशव्यापी विरोध करने का ऐलान किया है। साथ ही किसान मोर्चा ने सभी देशवासियों से 7 जुलाई को रात 12 बजे 8 मिनट तक वाहनों के हॉर्न बजाने की अपील भी की। उन्होंने लोगों से अपने LPG सिलेंडर के साथ अपने वाहन बस, ट्रैक्टर-ट्रॉली, कार या बाइक जैसे सभी वाहन हाइवे के किनारे लाएं। जाम न होने दें और बढ़ती महंगाई का विरोध जताएं।

3 कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसान
किसान महीनों से दिल्ली में डेरा जमाए बैठे हैं और केंद्र सरकार से 3 कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर विरोध जता रहे हैं। यह तीन कानून कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक 2020, कृषक कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 है।

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