
जल्दबाजी न करें, कोरोना पॉजीटिव तीन महीने बाद ही लगाएं टीका, वरना हो सकती है बड़ी दिक्कत, जानिए एक्सपर्ट डॉ. विकास की राय






– कोरोना पॉजीटिव होने या ठीक होने के तुरंत बद नहीं लेनी चाहिए वैक्सीन
खुलासा न्यूज, बीकानेर। बीकानेर सहित प्रदेशभर में कोविड-19 टीकाकरण अभियान नई ऊंचाईयों पर है। जिला कलक्टर नमित मेहता के नेतृत्व में प्रशासन व चिकित्सा विभाग के प्रयास रंग ला रहे हैं। कोविड के विरूद्ध मंगल टीका लगवाने के लगातार रिकॉर्ड बनते जा रहे है। स्वास्थ्य केंद्र नोखा ने 1,524 टीकों के साथ राजस्थान में अब तक 1 दिन में सर्वाधिक टीकाकरण का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुका है। छुट्टी के दिन भी वैक्सीनेशन किया जा रहा है।
वैक्सीनेशन के बीच चिंता की बात यह है कि कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके मरीज वैक्सीनेशन की गाइडलाइन की पालना नहीं कर रहे है। निश्चित समय से पहले वैक्सीन लगा रहे है। खुलासा न्यूज ने पड़ताल की तो सामने आया कि कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके मरीज अभी भी डरे हुए है। डर के मारे वह पॉजीटिव होने की जानकारी भी वैक्सीनेशन सेंटर पर नहीं दे रहे है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के पास भी क्रॉस चेक करने का कोई इलाज भी नहीं है। ऐसी स्थिति में खुलासा न्यूज ने कोविड-19 महामारी में अभूतपूर्व योगदान देने वाले जीवनरक्षा हॉस्पीटल के एक्सपर्ट डॉ.विकास पारीक से बातचीत की । उन्होंने बताया कि कोरोना से रिकवर मरीज को वैक्सीन लगवाने के लिए तीन माह का इंतजार करना जरूरी है और यदि कोरोना से रिकवर हुए मरीज ने वैक्सीन का पहला डोज लगावाया है तो दूसरा डोज लगवाने के लिए भी मरीज को तीन माह इंतजार करना जरूरी है। अगर आप कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो गए हैं तो ठीक होने के तुरंत बाद ही अगर टीका लगवाने जाते हैं तो आपके शरीर में एंटीबॉडी बनने में दिक्कत होती है। डॉक्टर पारीक बताते हैं कि जब मरीज कोरोना से ठीक हो जाते हैं तो उनके शरीर में एंटीबॉडी बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है, वैक्सीन भी शरीर में जाकर एंटीबॉडी ही बनाती है, लेकिन अगर शरीर में पहले सी ही वह प्रक्रिया चल रही होगी तो दिक्कत हो सकती है। इसीलिए आपको तीन माह का इंतजार करना चाहिए। डॉ. पारीक ने बताया कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों को किसी भी प्रकार की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। निश्चित समय से पहले टीका लगवाने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।


