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10वीं रिजल्ट के फॉर्मूले ने उड़ाए होश

राज्य का शिक्षा विभाग 10वीं के स्टूडेंट्स को पास तो 8वीं के मार्क्स के आधार पर कर रहा है, लेकिन स्टूडेंट को यह बताने के लिए तैयार नहीं है कि उन्होंने 2 साल पहले इस क्लास में कितने मार्क्स हासिल किए थे। दरअसल, 2 साल पहले 8वीं में स्टूडेंट्स को मार्क्स के बजाय ग्रेड दिए गए थे। अब ग्रेड के बजाय मार्क्स के आधार पर 10वीं के 45 प्रतिशत अंकों का हिसाब होगा। स्टूडेंट को यह जानने का अधिकार नहीं होगा कि उसे किन तीन विषयों के आधार पर मार्क्स दिए जा रहे हैं। अभिभावक भी मार्क्स पहले स्टूडेंट को दिखाने और फिर टॉप थ्री मार्क्स लेने की मांग कर रहे हैं। उधर, RBSE (राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) के प्रवक्ता राजेंद्र गुप्ता का कहना है कि 8वीं बोर्ड के नंबर सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे।

वर्ष 2019 की 8वीं बोर्ड परीक्षा RBSE ने ही आयोजित की थी। रिजल्ट डायट के माध्यम से निकाले गए थे। स्टूडेंट्स के मार्क्स अब बोर्ड और डायट दोनों के पास है। यह मार्क्स सीधे स्कूल को दिए जाएंगे, जहां से स्कूल RBSE की साइट पर फीड करेंगे। इन मार्क्स को सार्वजनिक करने के लिए कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।

31 जुलाई तक रिजल्ट

सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि 31 जुलाई तक परिणाम घोषित किया जाएं। ऐसे में बोर्ड के पास अब 34 दिन शेष रह गए हैं। इन 34 दिनों में स्कूल से मार्क्स लेना और उसी आधार पर परिणाम घोषित करना है। हकीकत यह है कि अब तक सत्रांक ही नहीं भरे गए हैं। सोमवार तक सभी स्कूल को सत्रांक फीड करने थे। अंतिम तारीख पर बोझ बढ़ने से RBSE की साइट ही क्रैश हो गई है। शनिवार को भी साइट क्रैश थी और आज अंतिम तारीख पर भी साइट का हाल वही है। यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में परिणाम समय पर घोषित करना मुश्किल होगा।

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