
राजस्थान में नेता डीजे पर कर रहे डांस, जनता शादी में भी न नाचे, क्या करें?






राजस्थान में कोरोना कंट्रोल में आता देख गहलोत सरकार ने शनिवार रात अनलॉक-3 की गाइडलाइन जारी की है। हर बार की तरह इस बार भी गाइडलाइन में ऐसी गफलतें हैं कि आमआदमी फिर टेंशन में आ गया। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि बारात की निकासी नहीं हो सकती, लेकिन बाजे बजाए जा सकते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब सामान्य बारात की निकासी पर भी रोक है तो कौन बैंडबाजे वालों को और क्यों बुलाएगा? दूसरा, बड़े होटल में शाम 4 बजे बाद भी समारोह आराम से हो सकता है, लेकिन मैरिज गार्डन में इस पर रोक है। ऐसे में नॉर्मल फैमिली क्या करेगी? जिनके शाम के मुर्हूत है?
नेता डीजे पर कर रहे डांस, जनता शादी में भी न नाचे
कोविड में सख्ती जरूरी है, यह होनी भी चाहिए, लेकिन अब लोग इस गाइडलाइन पर यह भी सवाल उठा रहे हैं कि अनलॉक में कई जिलों में नेता अपने समर्थकों के बीच ढोल-डीजे पर डांस करते नजर आ रहे हैं तो क्या जनता बारात में भी नहीं नाचे। शादी तो जीवन में एक बार होती है। लोग इस बात पर भी सवाल उठा रहे हैं कि जयपुर में ही दो दिन पहले ही कांग्रेसी नेता पुष्पेंद्र भारद्वाज ढोल-नगाड़ों के साथ अपने समर्थकों के बीच नजर आ रहे थे, वो क्या बारात से कम थी।
बैंडवाले बिना बजाए मेहमान तो घोड़ी वाले क्यों नहीं?
सरकार ने अपनी गाइडलाइन में बिना बारात बैंडवालों को आमंत्रित करने के लिए 40 मेहमानों में शामिल किया है। अब घोड़ी वाले सवाल पूछ रहे हैं कि क्या बैंड वालों के ही परिवार हैं, जो पल नहीं रहे। हमारी आर्थिक तंगी सरकार को क्यों नहीं दिखाई देती। एसोसिएशन ऑफ इवेंट एंटरप्रिन्योर के प्रवक्ता गुंजन सिंघल का कहना है कि सरकार की हर सख्ती के साथ सभी लोग हैं, लेकिन टैक्निकली एक सैगमेंट को सरकार अनुमति दे रही है और दूसरे को रोक रही है। यह उचित नहीं है। ऐसे में अब शादी के दौरान साउंड, केटरिंग, फोटोग्राफर, कोरियोग्राफर, वेटर, सिक्योरिटी गार्ड आदि नहीं शामिल किए जाएंगे तो क्या उनके परिवार की सरकार को चिंता नहीं?


