
कोरोना संक्रमित का शव बीकानेर के रेत के धोरों में दफनाया, मिट्टी उड़ी तो सामने आया सच






खुलासा न्यूज, बीकानेर। कोरोना का कहर जारी है। आज तक हम सुनते आए है कि कोरोना संक्रमित की मौत होने पर गंगा नदी में शव फेंक दिया जाता है, लेकिन एक अब हृदय विदारक घटना सामने आई है।यह मामला बीकानेर का है, जहां रेत के धोरों में शव छिपा देने जैसी हृदय विदारक घटना सामने आई है। यहां एक 42 साल के युवक की कोरोना से मौत हुई तो परिजनों ने अंतिम संस्कार करने के बजाय नाल के पास मिट्टी के धोरों में शव दफना दिया। मामला 15 दिन बाद तब सामने आया, जब शव के ऊपर से मिट्टी उड़ गई। एक राहगीर ने इसकी सूचना गांव की सरपंच को दी, तो पुलिस ने हत्या का मामला समझते हुए जांच शुरू की।
दरअसल, एक घूमंतु परिवार के राजेंद्र सिंह उर्फ राघवेंद्र (45) को पिछले दिनों कोरोना हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 24 मई को उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने प्लास्टिक की थैली में लपेटकर शव परिजनों को सौंप दिया। मूल रूप से करौली के रामपुर धावाई के रहने वाले इस परिवार के सदस्यों ने नाल गांव में रेत के धोरों में राघवेंद्र सिंह के शव को दफना दिया। कोरोना से मौत के कारण शव को गांव ले जाने से कतरा रहे इस परिवार ने इसी तरह अंतिम संस्कार करना उचित समझा। दफन करने के लिए जो गड्ढा खोदा गया वो ज्यादा गहरा नहीं था।
पिछले दिनों चले अंधड़ के कारण मिट्टी हटती चली गई और शव बाहर आ गया। एक राहगीर ने यह शव देखा तो नाल गांव की सरपंच तुलसी देवी व उनके परिजनों को सूचना दी। मामला पुलिस थाने पहुंचा कि एक युवक का शव पड़ा है। प्रथम दृष्टया इसे हत्या माना गया। शव को बाहर निकाला तो एक हाथ में कैनूला लगा था और अंगूठे पर टेग भी लगा हुआ था।


