
बीकानेर में कोरोना से 2 मरीजों की हुई मौत, अभी भी सावधानी बेहद जरूरी







खुलासा न्यूज, बीकानेर।
रविवार को पहली सूची में 17 व दूसरी सूचि में 13 कोरोना संक्रमित रोगी रिपोर्ट हुए हैं। बीकानेर पीआरओ की सूचना के अनुसार प्रथम सूची में 17 +13 कुल 30 पॉजिटिव समक्ष आए हैं। रविवार को 45 वर्ष तक के आयु वर्ग में सूची में 13 +13 =26 संक्रमित रिपोर्ट हुए हैं। वहीं 45 से ऊपर आयुवर्ग के प्रथम सूची में 4 संक्रमित समक्ष आए हैं। पुरुष वर्ग में प्रथम सूची में 11+8 = 19 , जबकि महिला वर्ग में 6+5 =11 रोगी रिपोर्ट हुए हैं। संक्रमण के गिरते आंकड़ों के बावजूद भी प्रतिदिन पॉजिटिव रिपोर्ट होने वालों में अधिकांश युवा हैं। सायं की रिपोर्ट में सभी युवा पॉजिटिव आये हैं। 15 रिपीट पॉजिटिव भी आए हैं।
मई माह में कोरोना गाइडलाइन की अनुपालना एवं चिकित्सकीय व्यवस्थाओं को सुचारू रखने के प्रयास में जुटे प्रशासन द्वारा आंकड़ों को सही प्रकार से उजागर ना किया जाना संदेहास्पद रहा। संक्रमण से पॉजिटिव होने के आंकड़े तो निरन्तर घटते देखे गए, परन्तु कोरोना से मरने वालों की संख्या काबू में नहीं रही। जिससे बचने हेतु प्रशासन द्वारा मृत्यु के आंकड़े घोषित तक नहीं किए गए। प्रतिदिन मृत्यु के वास्तविक आंकड़े ज्यादा होने की चर्चाएं रहती, क्योंकि निजी अस्पतालों व घरों में मरने वालों के संख्या गिनती में नहीं ली जा रही।
कार्यालय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बीकानेर के अनुसार शनिवार 5 जून को 219 व्यक्ति संक्रमण से रिकवर होकर डिस्चार्ज हुए। जांचें 1648 व्यक्तियों की हुई। कुल एक्टिव केस581 हैं, जिसमे कोविड केयर सेंटर में 13, होम क्वारेन्टइन 311 तथा अस्पताल में 257 भर्ती हैं। जिले में कन्टेन्टमेंट जोन 9 तथा 19 माइक्रो कन्टेन्टमेंट जोन बनाए हुए हैं। रविवार को 2 रोगी की मृत्यु भी हुई। रिपीट पॉजिटिव भी मिले हैं। कोरोना महाकहर के मध्य मई माह में रिकवरी दर पॉजिटिव आंकड़ों से काफी बेहतर रही। जून माह में कोरोना से 6 जून को 188 , 5 जून शनिवार को 219, 4 जून को शुक्रवार 109, 3 जून को गुरुवार 183, 2 जून बुधवार को 223, 1 जून मंगलवार को 205 रिकवर हुए हैं।
कुल मिलाकर कोरोना संक्रमण के साथ ही महामारी घोषित हुई ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस नामक बीमारी ने भी नई समस्या, नई चुनौती खड़ी कर दी है। इन सभी विकट परिस्थितियों के बावजूद चल रही ओझी राजनीति से रूबरू होना जनता को लगातार भारी पड़ ही रहा है। वहीं हर क्षेत्र में फैले ब्लैक मार्केटिंग के लूटेरों, अपना हित साधने वाले दानवों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। चंद मामलात समक्ष भी आए हैं, जिन पर कार्यवाहियां भी हुई। परन्तु जनता को इन सबसे निजात मिलने की संभावना ऐसे कठिन दौर में भी नहीं मिली। फिलहाल महत्ती आवश्यकता है कि लोग बीमारी की चपेट में आने से बचे और यदि दुर्भाग्य से आ भी जाएं तो समय रहते उनका सही उपचार हो सके। साथ ही महामारी से जुझ रही जनता को इंतजार है, पुन: सामान्य जिन्दगी में लौटने का।


