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इंजेक्शनों की कालाबाजारी के मामले में जांच ठंडी पड़ी

बीकानेर। पुलिस की ओर से डॉ. धनपत डागा को पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर सदर थाना परिसर में हाथ की नसें काटने की घटना के बाद पुलिस की रेमडेसिविर इंजेक्शन कालाबाजारी की जांच ठंडी पड़ गई है। दूसरी ओर, तीन स्टॉकिस्ट की गिरफ्तारी के बाद अब प्राइवेट अस्पताल और उससे जुड़े डॉक्टर्स एसओजी के रडार पर हैं।बीकानेर में कोरोना संक्रमण के विस्फोट केे दौरान मरीजों को लगाए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की बड़े पैमाने पर कालाबजारी बाजारी हुई और स्टॉकिस्ट, प्राइवेट अस्पताल और डॉक्टर्स ने जमकर गड़बडिय़ां कीं। राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने बीकानेर में शुरू की तो पुलिस ने भी चार इंजेक्शन बरामद कर ब्लैक में बेचने वालों को गिरफ्तार किया।पांच अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई तो कालाबाजारी में शामिल स्टॉकिस्ट, प्राइवेट अस्पताल और डॉक्टर्स के नाम सामने आए। पुलिस ने संदिग्ध लोगों को बुलाकर पूछताछ शुरू की तो एनेस्थीसिया के डॉ. धनपत डागा ने सदर थाना परिसर में अपनी कार में हाथ की नसें काट लीं।
इस घटना के बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई और मामले की जांच ठंडी पड़ गई है। पुलिस के पास एक दलाल की ओर से 18000 रुपए में इंजेक्शन उपलब्ध करवाने और पीबीएम अस्पताल में 20,000 रुपए में पूरा इलाज करवाने का ऑडियो मौजूद है।
दलाल को नामजद कर थाने भी लाया गया और उससे पूछताछ में कुछ लोगों के नाम भी सामने आए, लेकिन बैकफुट पर आई पुलिस उन पर हाथ नहीं डाल पा रही है। इसके अलावा डॉ. डागा और स्टॉकिस्ट का ऑडिया भी पुलिस के पास है। दूसरी ओर, एसओजी की प्राथमिक जांच में 510 इंजेक्शन का घोटाला सामने आया। स्टॉकिस्ट, प्राइवेट अस्पताल और डॉक्टर्स नामजद किए गए।
सहायक ड्रग कंट्रोलर की लापरवाही भी मानी गई। बीकानेर आई एसओजी की टीम ने पूछताछ की और तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया जो रिमांड पर चल रहे हैं। जांच अधिकारी एएसपी दिव्या मित्तल ने बताया कि तीनों अभियुक्तों की रिमांड अवधि खत्म होने पर आज उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। उसके बाद उच्च अधिकारियों के निर्देश पर जांच आगे बढ़ाएंगे।
जयपुर में केस दर्ज करने के बाद बीकानेर आई एसओजी की टीम ने मित्तल ड्रग एजेंसी और मित्तल फार्मा के विनय मित्तल, प्रदीप मित्तल और अनुज मित्तल को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया और उनसे पूछताछ की। गड़बड़ी में सामने आए प्राइवेट अस्पताल और डॉक्टर्स भी नामजद हैं। इसके अलावा सरकारी नुमाइंदों की भी लापरवाही रही है। इन पर कार्रवाई अभी बाकी है।
सदर थाना पुलिस ने चार इंजेक्शन बरामद कर घड़साना निवासी चौधरी लैब में नर्सिंग स्टॉफ संदीप नायक, बल्लभ गार्डन निवासी अस्पताल में मेडिकल स्टोर हेल्पर रमेशसिंह, नोखा निवासी बेस्ट हेल्थ केयर में नर्सिंगकर्मी महेन्द्र बिश्नोई, वरदान हॉस्पिटल में नर्सिंगकर्मी अनिल जाट को गिरफ्तार किया। बाद में साहिल भी गिरफ्तार हुआ। इन अभियुक्तों और 18000 रुपए में इंजेक्शन उपलब्ध करवाने वाले दलाल और उससे पूछताछ में सामने आए लोगों पर कार्रवाई बाकी है।

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