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सीएमएचओ ने सात कर्मचारियों को दिया नोटिस

बीकानेर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल मीणा ने शनिवार को ग्रामीणों की शिकायत पर जांगलू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। यहां की अव्यवस्था देखकर डॉ. मीणा दंग रह गए। अस्पताल पर ताला लटका था और बाहर कचरे के ढेर लगे थे। इतना ही नहीं, यहां पर नियुक्त सात स्टाफ में से कोई भी नहीं मिला। बाद में डॉ. मीणा वहां बैठकर अस्पताल खुलने का इंतजार करते रहे। इसी दौरान एक डिलीवरी केस आया तो उन्होंने उसे देखकर बीकानेर रेफर किया। शाम पांच बजे बाद कंप्यूटर ऑपरेटर आया और उसने आकर अस्पताल का ताला खोला। उससे जब अन्य स्टाफ के नहीं आने का कारण पूछा तो उसने बताया कि यहां पर कोई नहीं आता है।वही अस्पताल को खोलकर पर्ची बनाने से लेकर दवा देने तक के सारे काम करता है। इस दौरान अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे आधा दर्जन से अधिक मरीजों की डॉ. मीणा ने खुद जांच की और उनको दवाएं दी। करीब पौने घंटे तक उन्होंने अस्पताल में बैठकर मरीजों को देखा, उसके बाद वहां से रवाना हुए। बाद में लापरवाह सभी छह चिकित्साकर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए। बीसीएमओ डॉ. श्याम बजाज से भी इसकी रिपोर्ट मांगी गई है।
सात में से छह मिले नदारद
सीएमएचओ डॉ. मीणा के निरीक्षण के दौरान जांगलू पीएचसी में डॉ. पुष्पेंद्र नैन, आयुष चिकित्सक संध्या शर्मा, एएनएम सुषमा व निर्मला, एएलटी शिवराज बिश्नोई व सुपरवाइजर झंवर लाल नदारद मिले। इन सभी चिकित्सा कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
कलक्टर ने कठोर कार्रवाई के दिए निर्देश
सीएमएचओ डॉ. मीणा ने बताया कि जांगलू पीएचसी की हकीकत सामने आने के बाद कलक्टर कुमारपाल गौतम ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी लापरवाह चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
ग्रामीणों की शिकायत मिली सही
सीएमचओ डॉ. मीणा ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर जांगलू पीएचसी का शनिवार को निरीक्षण किया गया। वहां पर डॉक्टरों व अन्य स्टाफ के नहीं आने की शिकायत सही मिली। एक कंप्यूटर ऑपरेटर के भरोसे ही पीएचसी चल रही थी। उन्होंने खुद सवा चार घंटे रुककर हकीकत देखी है। ग्रामीणों ने लापरवाह चिकित्सा कर्मियों को बदलने की मांग भी की।

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