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पीबीएम में भगवान भरोसे पड़ी है प्रेग्नेंट महिला, भाई कर रहा है मिन्नतें, क्यों खामोश है सुपरीडेंट

चिकित्सकों की बेरूखी: तड़प रही है प्रेग्नेंट महिला
खुलासा न्यूज़, बीकानेर। धरती के भगवान कहने जाने वाले डॉक्टर अब राक्षसी प्रवृति अपनाने लगे है। जिसके चलते गंभीर रोगियों की परवाह अब संभाग के सबसे बड़े अस्पताल पीबीएम में नहीं होती है। जिसका जीता-जागता उदाहरण देखने को मिला है। हालात यह बने हुए हेपेटाइटिस बी से ग्रसित प्रेग्नेंट महिला इलाज के लिए तड़प रही है फिर भी डॉक्टर इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। जिम्मेदार डॉक्टर की बेरूखी की वजह से गंभीरता से इलाज नहीं किया जा रहा है। एक तरफ जहां सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गर्भवती महिलाओं के प्रति बड़े गंभीर है। वहीं पीबीएम में डॉक्टर्स इसके प्रति जरा भी गंभीर नहीं है। ऐसे में अब प्रेग्रेंट महिला भगवान भरोसे पड़ी है। भाई लगातार डॉक्टर्स व रेजीडेंण्ट और नर्सेज से मन्नतें कर रहा है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। इस बारे में पीबीएम के सुपरीडेंट बी.के.बैरवाल को अवगत करवाया गया फिर भी वह क्यों खामोश है ?

क्या है पूरा मामला
पीबीएम जनाना हॉस्पीटल में शुक्रवार रात्रि 8 बजे आई गर्भवती महिला दुर्गादेवी पत्नी दीपचंद निवासी राजियासर इलाज के लिए आई। उसे भर्ती कर लिया गया लेकिन इलाज शुरू नहीं किया । ऐसे में महिला दर्द से तड़पती रही। उसका भाई फूलसिंह जो इलाज करने के लिए मिन्नते करता रहा, लेकिन कोई भी उसकी मदद करने नहीं आया।  काफी देर गिड़गिड़ाने के बाद उसकी सोनोग्राफी करवाई गई तब पता चला कि महिला को हेपेटाइटिस बी रोग है। इसके बाद लेबर रूम में ही अलग कमरे में रेजिडेंट डॉक्टरने सुबह शिफ्ट किया। इसके बाद महिला का कोई इलाज शुरू नहीं किया। अब महिला की गंभीर स्थिति में है। बार-बार डॉक्टर व स्टाफ को सूचना करने के बावजूद भी गर्भवती महिला का इलाज शुरू नहीं किया जा रहा है, क्योंकि महिला हेपेटाइटिस बी रोग है। थोड़े दिन पहले कोर्ट ने संज्ञान लेकर प्रदेश के सभी लेबर रूम का जायजा लिया था और यातना ग्रह ना बने ऐसा प्रयास किया था। परंतु ये सब एक हेपटाइटिस बी वालेे मरीज के साथ होना इन सब प्रयासों को धता बताना है इसके अतिरिक्त मानवाधिकार का उल्लंघन भी है।

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