अब इस फंगस ने बढ़ाई धड़कनें,सावधानी बरतते हुए लें चिकित्सकी सलाह

अब इस फंगस ने बढ़ाई धड़कनें,सावधानी बरतते हुए लें चिकित्सकी सलाह

खुलासा न्यूज,बीकानेर। कोरोना से ठीक होने के बाद मरीजों को म्यूकरमा इकोसिस की बीमारी की समस्या सामने आने लगी है। दांतों की समस्या के कारण जबड़ा निकालने की बन रही स्थिति बन रही है। जिसको लेकर जागरूक रहने की आवश्यकता है। नांगल कैंसर अस्पताल के दंत चिकित्सक डॉ भवानी सिंह राठौड़ ने बताया कि शुरुआत में पता चलने पर आसानी से उपचार संभव कोरोना मरीजों के डिस्चार्ज होने के बाद भी समस्या पीछा नहीं छोड़ रही कुछ मरीजों को दांत की समस्याएं आए दिन हो रही है इसमें दांत पूरी तरह खराब हो जाते है। साथ ही साथ अंदर से हड्डी में गलने लगती है।
यह होते है लक्ष्ण
कोरोना मरीजों को अस्पताल से छुट्टी होने के बाद जो नई समस्याएं दांतों की देखी जा रही है। इसमें दांतों में दर्द, दांतों का हिलना, मसूड़ों के पस निकलना जैसी समस्या होती है। इसके साथ ही जबड़ा सडऩे लगता है। यदि इसका शुरुआती स्टेज में इलाज नहीं किया जाता है तो पूरा जबड़ा निकालना पड़ जाता है।
क्यों होती है। यह बीमारी ज्यादात्तर उन कोविड मरीजों को हो रही है जिन्हे मधुमहे है। साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है या फिर कोविड के इलाज के दौरान स्ट्रोईड भी दिये जाते है इससे शरीर में शुगर का लेवल बढ़ जाता है और यह समस्या उत्पन्न होती है।
ब्रेन तक पहुंच सकता है
म्यूकरमा इकोसिस यानि फंगल इन्फेक्शन की समस्या नाक के साइनस से शुरू होता है। फिर धीरे धीरे पूरे जबड़े तक फैलते हुए आंख से होते हुए ब्रेन तक पहुंच जाती है। जिसे मेडिकल भाषा में राइनोसेरेबल म्यूकरमा इकोसिस कहते है। इसे शुरूआती समय में नियंत्रित किया जा सकता है। कुछ मरीजों में तालू में भी पस भर जाती है।
जबड़ा निकालने की स्थिति में
कोरोना के बाद मरीज को दांतों के समस्या संबंधित बीमारी भारी पड़ सकती है। दांत की हड्डी से पश डिस्चार्ज को नजर अंदाज करने से धीरे धीरे जबड़े की हड्डी गलना शुरू हो जाती है। जिसे मेडिकल भाषा में ऑस्टिशोमाइन्याइलिस कहते है। जो फंगल इन्फेक्शन के कारण होता है।
बचने के लिये यह करें
कोविड के बाद ओरल केविटी में भी फंगल से ठीक होने के बाद एक बार पूरी तरह डेंटल चैकअप कराएं। इससे किसी भी तरह के इंफेक्शन को पहले ही रोका जा सकता है।
जांच जरूर कराएं
इसमें भी जिन लोगों को मधुमेह या कोई दूसरी बीमारी है। जिससे इम्यूनिटी कमजोर होती है। इससे बचने के लिये एक बार डॉ भवानी सिंह राठौड़ से पशमर्श अवश्य रूप से लें।

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