
राजस्थान में कभी भी रुक सकता है वैक्सीनेशन:केंद्र डिमांड से एक चौथाई वैक्सीन भी नहीं दे पा रहा






राजस्थान में 45 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन कभी भी रुक सकता है। राज्य सरकार के पास इस उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए पर्याप्त डोज उपलब्ध नहीं है। इसके कारण कई ऐसे लोग भी है, जो सेकंड डोज लगाने से वंचित रह सकते हैं। सूत्रों की माने तो वर्तमान में राज्य में लगभग साढ़े 5 लाख डोज ही बची है, जिसमें से साढ़े तीन लाख डोज तो वो है, जो सरकार ने 18 से 44 साल की उम्र वालों के लिए सीधे कंपनी से खरीदी है।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने भी गुरुवार काे एक बयान में कहा था कि हमें केन्द्र सरकार से अब तक 1.49 करोड़ डोज ही मिली है, जो 45 या उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए है। इनमें से हम अभी तक लगभग 1.42 करोड़ डोज लगा चुके हैं, जबकि 2.15 लाख डोज सेना को दे दी है। इसके अलावा एक मई से अब तक 18 से 44 साल की उम्र वालों के 5.96 लाख लोगों को डोज लगाई जा चुकी है। ऐसे में अब हमारे पास पर्याप्त मात्रा में स्टॉक नहीं होने के कारण वैक्सीनेशन पर संकट आ गया। जानकारी में आया कि केंद्र डिमांड से एक चौथाई वैक्सीन भी नहीं दे पाया है।
दूसरे डोज के लिए युवाओं के कोटे से लगाने पड़ेगी वैक्सीन
चिकित्सा विभाग के सूत्रों की माने तो वर्तमान में जो साढ़े चार लाख डोज बची है, उसमें से साढ़े 3.60 लाख डोज तो 18 से 44 साल के युवाओं के लिए गुरुवार को मंगवाई है। हर रोज इस वर्ग के करीब 40 हजार युवाओं को वैक्सीन लग रही है, जबकि एक लाख वैक्सीन की डोज 45 से ज्यादा उम्र के लोगों को। ऐसे में अगर केन्द्र सरकार से वैक्सीन उपलब्ध नहीं हुई तो मजबूरन 45 से ज्यादा उम्र वालों का वैक्सीनेशन 18 से 44 साल की उम्र वालों के लिए मंगवाई वैक्सीन के कोटे में से करना पड़ेगा। क्योंकि इनमें अधिकांश लोग वे है, जो वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने के लिए आने वाले है।


