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हाईकोर्ट की टिप्पणी के खिलाफ याचिका; कोरोना प्रोटोकोल टूटने पर कहा था- EC के अफसरों पर हत्या का केस चलना चाहिए

मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी से नाराज इलेक्शन कमीशन (EC) ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल, चुनाव के दौरान रैलियों में भीड़ समेत कोरोना प्रोटोकॉल टूटने पर हाईकोर्ट ने EC को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने 26 अप्रैल को कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है। आयोग के अफसरों पर तो संभवत: हत्या का मुकदमा चलना चाहिए।

EC ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट की अपमानजनक टिप्पणी को हटाने की मांग की है। आयोग ने कहा है कि हाईकोर्ट खुद एक संवैधानिक संस्था है। चुनाव आयोग भी संवैधानिक संस्था है, इसलिए हाईकोर्ट को ऐसी टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए थी। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच 3 मई को सुनवाई करेगी।

क्या था पूरा मामला
कोरोना के बिगड़ते हालात के बीच मद्रास हाईकोर्ट ने पिछले सोमवार को चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई थी। चीफ जस्टिस ने तो यहां तक कह दिया कि कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है। उन्होंने आयोग को चेतावनी दी कि 2 मई को काउंटिंग के दिन के लिए कोविड प्रोटोकॉल बनाए जाएं और उनका पालन हो। ऐसा नहीं हुआ तो हम काउंटिंग शेड्यूल को रोकने पर मजबूर हो जाएंगे।
दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट तमिलनाडु की करूर विधानसभा सीट पर होने वाली काउंटिंग को लेकर दायर पिटीशन पर सुनवाई कर रहा था। पिटीशन में मांग की गई है कि इस विधानसभा सीट पर 77 उम्मीदवार मैदान में हैं, इसलिए 2 मई को काउंटिंग के दिन यहां कोविड प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए।

हाईकोर्ट ने कहा-जब रैलियां हो रही थीं, तब क्या आप दूसरे ग्रह पर थे?
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी नाराज हो गए। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा, ‘‘जब चुनावी रैलियां हो रही थीं, तब आप दूसरे ग्रह पर थे क्या? रैलियों के दौरान टूट रहे कोविड प्रोटोकॉल को आपने नहीं रोका। बिना सोशल डिस्टेंसिंग के चुनावी रैलियां होती रहीं। आज के हालात के लिए आपकी संस्था ही जिम्मेदार है। कोरोना की दूसरी लहर के लिए आप जिम्मेदार हैं। चुनाव आयोग के अफसरों पर तो संभवत: हत्या का मुकदमा चलना चाहिए।’’ इस मामले में अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।

काउंटिंग को लेकर हाईकोर्ट की 6 टिप्पणियां

  1. आप इसे सुनिश्चित कीजिए कि काउंटिंग के दिन कोविड प्रोटोकॉल पर अमल हो।
  2. किसी भी कीमत पर राजनीतिक या गैर-राजनीतिक वजह से काउंटिंग का दिन कोरोना के मामलों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार नहीं होना चाहिए।
  3. या तो काउंटिंग तरीके से हो या फिर उसे टाल दिया जाएगा।
  4. लोगों की सेहत सबसे अहम है। यह बात परेशान करती है कि प्रशासन को इस बात की याद दिलानी पड़ती है।
  5. जब नागरिक जिंदा रहेंगे, तभी वे उन अधिकारों का इस्तेमाल कर पाएंगे, जो उन्हें इस लोकतांत्रिक गणराज्य में मिले हैं।
  6. आज के हालात जिंदा रहने और लोगों को बचाए रखने के लिए हैं, दूसरी सारी चीजें इसके बाद आती हैं।
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