3 घंटे में शादी समारोह की गाइडलाइन केवल भोजन के लिए, विवाह के धार्मिक रीति रिवाजों पर लागू नहीं होगी समय सीमा - Khulasa Online 3 घंटे में शादी समारोह की गाइडलाइन केवल भोजन के लिए, विवाह के धार्मिक रीति रिवाजों पर लागू नहीं होगी समय सीमा - Khulasa Online

3 घंटे में शादी समारोह की गाइडलाइन केवल भोजन के लिए, विवाह के धार्मिक रीति रिवाजों पर लागू नहीं होगी समय सीमा

जयपुर। शादी समारोह केवल 3 घंटे में ही कराने की नई गाइडलाइन को लेकर गृह विभाग ने स्पष्ट किया है कि शादी समारोह में 3 घंटे की समय सीमा केवल भोजन के लिए ही है। फेरों सहित शादी की अन्य रस्मों और शादी से जुड़े धार्मिक रीति-रिवाजों पर यह समय सीमा लागू नहीं होगी। एक जिले से दूसरे जिले में बारात को जाने की भी छूट रहेगी।
शादी समारोह के लिए एसडीएम को भेजी गई सूचना की कॉपी पुलिस को दिखाकर आ-जा सकेंगे। शादी समारोह के लिए पहले से ऑडर्र किए गए गहने, कपड़े और अन्य आइटम भी बाजार से लाने की अनुमति होगी। शादी के लिए ऑर्डर किए गए आइटम की डिलीवरी के लिए दुकान-प्रतिष्ठान को केवल उसी काम के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए खोलने की अनुमति होगी। गृह विभाग ने 3 घंटे में शादी समारोह की बाध्यता केवल भोजन के लिए होने पर स्पष्टीकरण ही दिया है, गाइडलाइन में कहीं भी इसका जिक्र नहीं किया है। रविवार से नई गाइडलाइन जारी हो रही है। सरकार ने नई गाइडलाइन पर विज्ञापन भी जारी किए हैं, लेकिन उनमें भी शादी समारोहों को लेकर वही उलझन बरकरार है। गृह विभाग ने जो स्पष्टीकरण दिया है, वह नई गाइडलाइन के विज्ञापनों में शामिल नहीं किया है।
गाइडलाइन में हो जिक्र
गृह विभाग ने फिलहाल स्पष्टीकरण भले जारी कर दिया हो, लेकिन गाइडलाइन में इसका जिक्र नहीं किया है। जब तक सभी कलेक्टरों को गृह विभाग के निर्देश नहीं जाएंगे, तब तक जमीनी स्तर पर नीचे की प्रशासनिक मशीनरी मानेगी नहीं। ऐसे में आम लोगों को दिक्कत होगी।
शादी समारोह के लिए 3 घंटे की समय सीमा के अव्यावहारिक प्रावधान का मुद्दा शनिवार को आम लोगों, विशेषज्ञों, धार्मिक जानकारों और शादी समारोह आयोजकों ने 3 घंटे में शादी समारोह की बाध्यता के प्रावधान पर सवाल उठाए थे। 3 घंटे में तो शादी के धार्मिक रीति रिवाज ही पूरे नहीं होते। गाइडइलाइन में संशोधन का अभी भी इंतजार है।

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