
नोखा जेल ब्रेक मामला : एक और गिरफ्तार, ट्रकों में बैठकर पहुंच गए पंजाब, इस गांव में छिपे है दो और बंदी





खुलासा न्यूज, बीकानेर। नोखा उप कारागार से फरार एक और बंदी अनिल पंडित को पकड़ा है। नोखा पुलिस ने नागौर के पास से दबोचा है। बता दें कि शुक्रवार सुबह दो बंदियों सलीम व सुरेश को हनुमानगढ़ में पकड़ा था। पुलिस अधीक्षक प्रीतिचन्द्रा ने बताया कि एएसपी ग्रामीण सुनील कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम सर्च अभियान चला रखा है। दो और आरोपियों की कुचौर गांव में छिपे होने की आशंका में सर्च कर रही है। पुलिस जल्द ही दो और आरोपियों को पकड़ लेगी।
हनुमानगढ़ हेड कांस्टेबल के प्रयास रंग लाए
बीकानेर की नोखा जेल से फरार हुए बंदियों ने रेल की पटरियों के साथ पैदल चलते हुए रास्ता पार किया। पांचों बंदियों ने एक दिन नोखा के आसपास ही गुजारा, फिर रात होने पर रेल पटरियों के साथ चलते-चलते आगे निकल गए। इस दौरान दो बंदी ट्रकों में बैठकर हनुमानगढ़ से होते हुए पंजाब की ओर निकल गए। हनुमानगढ़ के एक हेड कांस्टेबल को शुक्रवार सुबह ही पता चला कि पंजाब में इन बंदियों ने डेरा डाला हुआ है, तुरंत प्रभाव से एक टीम ने संगरिया पुलिस के साथ फरीदकोट पहुंचकर सलीम और सुरेश को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस को मिली सूचना के मुताबिक यह बंदी एक दिन नोखा के आसपास ही खेतों में छिपे हुए थे। इसके बाद रेल लाइन से आगे निकल गए। रास्ते में ट्रक मिले तो उसमें सवार होकर अलग-अलग दिशाओं में चले गए। दो बंदी सलीम और सुरेश ने पंजाब के ट्रकों में बैठकर पुलिस को चकमा दिया। इन दोनों में से किसी एक का मित्र फरीदकोट के गांव डबलीखन्ना में रहता था। दोनों बिना कोई पूर्व सूचना दिए, उस परिचित के घर पहुंच गए। वहां दो दिन आराम से रहे।
उधर, हनुमानगढ़ पुलिस के हेड कांस्टेबल शाह रसूल को इनपुट् मिला था कि पंजाब के फरीदकोट जिले के गोविंदगढ़ के पास एक गांव है डबलीखन्ना। इस गांव के एक घर में दो युवक आए हुए हैं। यह दोनों युवक अनजान हैं और इनकी हरकत भी संदिग्ध है। इस पर रसूल ने अपने सूत्रों को पुख्ता किया। फरार बंदियों से के फोटो से उनकी शिनाख्त करवाने का प्रयास किया। सब सूचनाएं सही मिली। इस पर हनुमानगढ़ पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन को सूचना दी गई। जिन्होंने तुरंत डीएसटी टीम को मौके के लिए रवाना कर दिया।
इस टीम में रसूल के अलावा संगरिया के थानाधिकारी विजय मीणा को भी शामिल किया गया। रसूल स्वयं डीएसटी टीम के सदस्य है। इस टीम ने संगरिया से करीब सौ किलोमीटर दूर पंजाब के डबलीखन्ना गांव के उस मकान तक पहुंचे, जहां पहले से दोनों बंदी बैठे थे। पुलिस सादे कपड़ों में ही गांव में पहुंची थी। ऐसे में सलीम और सुरेश उन्हें पहचान ही नहीं सके। मौके पर पहुंची हनुमानगढ़ पुलिस ने दूर से दोनों को पहचानने का प्रयास किया कि फरार बंदी ही है या कोई और। फोटो से उनकी शक्ल मिलाई तो सूचना सही थी। दोनों के पास पहुंचते ही पुलिस ने दबोच लिया। दोनों बंदी समझ चुके थे कि उनकी फरारी यात्रा खत्म हो चुकी है। दोनों ने बहुत आसानी से आत्मसमर्पण कर दिया।

