
पटरी पर लौट रहे कारोबार पर फिर कोरोना का दंश, जनअनुशासन कफ्र्यू से हताशा में व्यापारी





खुलासा न्यूज,बीकानेर। त्योहारी सीजन में पटरी पर लौट रहे कारोबार पर फिर से कोरोना का दंश छा गया है। नाइट कर्फ्यू से व्यापार जगत परेशान था ही अब जन अनुशासन कफ्र्यू की वजह से आर्थिक जगत की कमर फिर से टूटने का अंदेशा है। हालांकि कोरोना वायरस के तेजी से फैलते संक्रमण को लेकर व्यापारियों में भी भय का वातावरण है। लेकिन इस अनुशासन कफ्र्यू में सरकार के निर्णय से भी वे हताश है। इन व्यापारियों का कहना है कि सरकार कुछ व्यापार को छूट तो दे दी। लेकिन इस व्यापार से जुड़ाव रखने वालों पर शिकंजा कस दिया। एक तरफ से चुनाव में भीड़ को रोकने पर सभी चुप्पी साधे हुए है दूसरी तरफ व्यापारियों का रोजगार छीन रहे है। हैरत की बात तो यह है कि इस पखवाड़े में आधे अधूरे व्यापार को खोलने की अनुमति न देना दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। ठेकेदार घनश्याम बिस्सा का मानना है कि सरकार ने भवन निर्माण की अनुमति तो प्रदान कर दी। किन्तु भवन निर्माण में काम आने वाले सामान यथा लोह मैटेरियल,सीमेन्ट आदि सामान खरीदने के लिये मशक्कत करनी पड़ रही है। यहीं नहीं भवन निर्माण के दौरान करवाई जाने वाली पाईप व बिजली फिटिंग में भी परेशानी उठानी पड़ रही है।
सरकार की विफलता है
जन अनुशासन कफ्र्यू एक तरह से प्रशासन की विफलता है। चुनावी रैली पर तो किसी की रोक नहीं है। नेता मंदिर-मस्जिद पर तो बोलते हैं, लेकिन कोरोना से कैसे निपटा जाए इसे लेकर तंत्र नहीं विकसित किया जाता है। सरकार का यह निर्णय व्यापार व अर्थव्यवस्था को कमजोर करने वाला है। जे पी व्यास,भाजपा नेता
ऐसे तो बेहाल हो जाएंगे व्यापारी
व्यवसायी सुहाग साडिज़ के राजीव अरोड़ा,गारमेन्टस व्यवसायी सुशील बंसल,ज्वैलर्स सुनील सिपाणी,फुटवियर व्यवसायी नरेन्द्र खत्री,इलेक्ट्रिक व्यवसायी आनंद पुरोहित वैसे ही पिछले एक साल से कोरोना ने व्यापार को प्रभावित किया। अब जन अनुशासन कफ्र्यू लगाकर व्यापार को खत्म करने का निर्णय लगता है। सरकार ने विवाह की अनुमति तो दे दी। लेकिन इससे संबंधित कपड़ा,स्वर्ण-आभूषण,ब्यूटी पार्लर,फुटवियर,फर्नीचर और इलेक्ट्रिक सामान जैसे व्यापार को नहीं खोलने के आदेश दिए। जो बेहद ही बेहाल करने वाला निर्णय है। सरकार को चाहिए था कि सप्ताह में दो दिन इन व्यापारियों को प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति दी जाती।
कन्फ्यूजन के हालात
फास्ट फूड व्यापार से जुड़ी ज्योति गौरी का कहना है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए शहर के व्यापारियों ने हमेशा ही प्रशासन का साथ दिया है। व्यापारी खुद भी कोरोना वैक्सीन लगवा रहे हैं। अनुशासन जन पखवाड़े में जरूरी वस्तुओं को बेचने वाले दुकानदारों की दुकानें भी बंद करवाई गई। प्रशासन ने खाने पीने के सामान की होम डिलीवरी की मंजूरी दी। लेकिन फास्ट फूड वाले को उसकी दुकान खोलने नहीं दी गई। पुलिस कर्मचारी भी कन्फ्यूज हैं कि उन्हें क्या बंद करवाना है और क्या खुला रखना है।
ब्यूटी पार्लर संचालन को भी मिले छूट
ब्यूटी पार्लर संचालिका रेणू शर्मा ने कहा कि आगामी 26 व 30 अप्रेल को शहर में अनेक सावे है। शादी समारोह में हालांकि इस समय 50 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति है लेकिन दुल्हन व परिवार के सदस्यों को तो तैयार होने के लिए ब्यूटी पार्लर चाहिए। जो बंद पड़े है। प्रशाासन को सोचना चाहिए कि इस व्यवस्था को देखते हुए ब्यूटी पार्लर को दो से तीन तक खोलने की अनुमति मिले तो आर्थिक हालात पर बुरा प्रभाव न पड़े।
बिजली व्यापार भी खोले प्रशासन
उधर बीकानेर इलेक्ट्रिक टे्रड एसोसिएशन के सचिव विजय रांका ने जिला प्रशासन को गर्मी का मौसम है। इसको देखते हुए सप्ताह में दो से तीन तक इलेक्ट्रिक व्यापारियों को अपने प्रतिष्ठान खोलने की छूट दी जाएं। ताकि पिछले छ:महीनों से तैयार कूलर व पंखे,एसी की ब्रिकी की जा सके। रांका ने कहा कि पिछली बार भी गर्मियों में लॉकडाउन के हालात के चलते व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो चुका है। इस बार अगर छूट मिल जाएं तो व्यापार को संजीवनी मिल सकती है।
ये व्यापार भी प्रभावित
हालात यह है कि जन अनुशासन पखवाड़े में सरकार की ओर से दी गई छूट में कई व्यापार प्रत्यक्ष तो कई अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो रहे है। इनमें फूल माला व्यवसाय,पर्यटनों की आवाजाही कम होने के कारण होटल व्यापार पर भी इसका खासा प्रभाव पड़ रहा है। इतना ही नहीं सैलून,टैंट व्यवसाय खासा प्रभावित हुआ है।
व्यापारियों ने दिए ये सुझाव
खुलासा ने इस बारे में जब व्यापारियों से रायशुमारी की तो सामने आया कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव को रोकने के प्रयासों को निश्चित तौर पर वे प्रशासन के साथ है। लेकिन लगातार कोरोना काल के कारण जो व्यापार प्रभावित हुआ है। उसको देखते हुए प्रशासन को हर व्यापार को सप्ताह में दो दिन खोलने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए। ताकि सभी व्यसायियों को अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने का मौका मिले। व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन को इस तरह की नीति बनानी चाहिए कि जैसे सोमवार और शनिवार को कपड़ा,किराना आदि तो मंगलवार को दूसरे व्यसायिक प्रतिष्ठानों को खोलने की अनुमति दे तो कोई भी व्यापार प्रभावित नहीं होगा।


