
बड़ी खबर- कोरोना की दूसरी लहर में पहली राजधानी जहां इतना लंबा लॉकडाउन






छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 9 अप्रैल की शाम 6 बजे से 19 अप्रैल तक टोटल लॉकडाउन लगा दिया गया है। कोरोना की दूसरी लहर में रायपुर देश के किसी राज्य की पहली राजधानी है जहां इतना लंबा लॉकडाउन लगाना पड़ा। सरकार ने यह फैसला राजधानी में एक दिन में 2 हजार 821 मामले सामने आने के बाद किया। पिछले 24 घंटे में रायपुर में 26 लोगों की जान संक्रमण से गई। राजधानी में पहली मौत 29 मई को हुई थी। इस हिसाब से 312 दिनों में रोजाना औसतन 3.20 मरीजों की मौत हुई है।
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की रफ्तार अब तक के सबसे भयावह दौर में पहुंच गई है। राज्य में अप्रैल के पहले 6 दिनों में 37 हजार मरीज मिल चुके हैं। औसतन 6 हजार से अधिक नए पॉजिटिव रोज मिल रहे हैं। मंगलवार को राज्य में रिकॉर्ड 9,921 केस मिले और 53 मौतें हुई हैं। राजधानी में 1,001 व प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 4,400 पार कर गई।
प्रदेश में रोजाना 14 से ज्यादा मरीजों की जान कोरोना से गई है। पिछले एक साल में 3 लाख 86 हजार 269 लोगों को कोरोना ने अपनी चपेट में लिया। अब तक 3 लाख 29 हजार 408 लोग ठीक हो चुके हैं।
संक्रमण कम हुआ तो बढ़ने लगी लापरवाही
पिछले साल जब देश में कोरोना का पहला केस सामने आया था तो छत्तीसगढ़ की सरकार अतिरिक्त संवेदनशील थी। सीमाओं को सील करने की तैयारी की जाने लगी थी। लेकिन कानूनों को देखने के बाद उन्हें समझ में आया कि अब जो कुछ करेगी केंद्र सरकार करेगी। उसके बाद भी 18 मार्च 2020 को रायपुर में पहला केस मिलते ही कई तरह के प्रतिबंध लगा दिये गये। सितम्बर 2020 में कोरोना के पहली लहर का चरम था। 26 मार्च 2020 को प्रदेश में 3896 केस आये थे। उसके बाद कोरोना संक्रमण कभी यह आंकड़ा नहीं छू पाया। फरवरी 2021 के अंत में प्रदेश की पाजिटिविटी दर एक प्रतिशत से कम हो गई थी। यही वह समय था जब राजनीतिक नेतृत्व, प्रशासन और जनता तीनों ने कोरोना को हारा हुआ मान लिया। हर तरफ लापरवाहियां लौट आईं। मार्च के पहले सप्ताह से कोरोना की रफ्तार फिर बढ़ने लगी।
वैक्सीन आने से बेफिक्र हो गए लोग
देश में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू हुआ। पहले चरण में कोरोना वारियर्स को वैक्सीनेशन शुरू हुआ। इसमें डाक्टर, नर्स, मेडिकल स्टाफ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानित और फ्रंट लाइन वर्कर्स में पुलिस, पैरा मिलिट्री फोर्स, राजस्व प्रशासन और नगरीय निकायों के अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। इसके बाद दूसरे चरण में गंभीर बीमारियों वाले और बुजुर्गों का टीकाकरण किया गया और अब 1 अप्रैल से 45 साल से अधिक उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू किया गया है। लोगों को लगा कि वैक्सीन आ गई मतलब कोरोना पर जीत हासिल हो गई। इसी ख्याल से लोग बेफिक्र हो गए। आयोजन होने लगे। लोग सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सेनिटाइजेशन जैसी बातों में लापरवाही बरतने लगे। इसका परिणाम हुआ कि मार्च के महीने में सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज मिले।
रोड सेफ्टी क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन
रायपुर में 5 मार्च से 21 मार्च तक रोड सेफ्टी टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। इसमें 6 देशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया। इनमें सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, ब्रायन लारा, जोंटी रोड्स, केविन पीटरसन जैसे कई इंटरनेशनल खिलाड़ियों ने मैच खेले। कुल 15 मैच हुए और हजारों की संख्या में दर्शक पूरे छत्तीसगढ़ से यहां पहुंचे। इतनी भीड़ के कारण यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ। जोश में दर्शक पूरे समय मास्क निकाले रहे। नतीजा यह हुआ कि 15 मार्च के बाद पिछले साल से दोगुने कोरोना मिलने लगे।


