
चैक अनादरण का अहम फैसला,अभियुक्त को मिली इतनी सजा






खुलासा न्यूज,बीकानेर। न्यायालय विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट(एनआईएक्ट प्रकरण)संख्या तीन की न्यायिक मजिस्ट्रेट अंशिका दिनकर ने चैक अनादरण के एक मामले में अहम फैसला सुनाते हुए अभियुक्त नवरतन को दो अलग अलग मामलों में कारावास व ली गई राशि की प्रतिकर राशि अधिरोपित करने के आदेश जारी किये गये है। पहले मामले के अनुसार जे एनवीसी निवासी हरिराम चौधरी से जीवननाथ बगेची के पास रहने वाले नवरतन ने एक अगस्त 2008 से दो वर्ष के अंदर 686725 रूपये परिवादी से उधार लिये थे। मुल्जिम ने उक्त राशि की अदायगी के लिये उसमें से 50000 रूपये की राशि के दस दस हजार के पांच चैक दिये थे। लेकिन ये सभी चैक बाउंस हो जाने के बाद परिवादी की ओर से अपने अधिवक्त ा के जरिये नोटिस दिये गये। किन्तु इसका भी कोई जबाब नहीं दिये जाने के बाद मामला दर्ज करवाया गया। करीब दस साल के लंबे संघर्ष के बाद हरिराम को न्याय मिला। न्यायाधिपति ने दस मार्च को सुनाएं अपने फैसले में नवरतन को 6 माह का कारावास और 85000 रूपय की प्रतिकार राशि अधिरोपित करने तथा ऐसा न करने पर 15 दिन का अतिरिक्त कारावास की सुजा सुनाई गई है।
एक अन्य मामले में एक अगस्त 2008 से दो वर्ष के अंदर 686725 रूपये परिवादी से उधार लिये थे। जिसकी अदायगी के लिये दो लाख रूपये का चैक परिवादी को दिया। जिसकी अदायगी भी नहीं करने पर करीब दस साल तक चले इस मामले में विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट अंशिका दिनकर की ओर से दिए गये फैसले में अभियुक्त नवरतन को साक्ष्यों के आधार पर दोषी मानते हुए 6 माह का साधारण कारावास व 3,40,000 की प्रतिकर राशि अधिरोपित करने के आदेश दिए। साथ ही ऐसा न करने की स्थिति में एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के निर्देश दिए। परिवादी की ओर से रविकांत वर्मा ने पैरवी की।


