
विधायक के पिता ने पुलिस को दी गालियां, वीडियों वायरल





श्रीगंगानगर। अनूपगढ़ थाने में गुरुवार देर रात मारपीट के एक मामले को लेकर अनूपगढ़ विधायक संतोष बावरी के पिता लूणाराम बावरी व घड़साना के व्यापारी नेता किशनलाल दुग्गल ने हंगामा किया। नारेबाजी भी की। इस घटना क्रम के बाद वीडियो वायरल हुए हैं। जिसमें अनूपगढ़ डिप्टी एसपी व पुलिस अधिकारियों को भद्दी गालियां निकाली जा रही है।
डिप्टी एसपी पर रावला थाने के सीआई सुरेंद्र पचार के मामले में भेदभाव पूर्ण तरीके से जांच कर करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस पूरे मामले की अनूपगढ़ के डीएसपी ने पुष्टि करते हुए कहा है कि थाने मे रपट डाली गई है। वहीं दूसरी ओर विधायक संतोष बावरी के पिता लूणाराम ने बताया कि वे गुरुवार रात को किशन दुग्गल के भानजे के साथ मारपीट मामले में थाने गए थे। उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर आक्रोश जताया था। लेकिन किसी अधिकारी को गाली गलौच करने या अभद्र भाषा में बोलने से इनकार कर दिया। दूसरी ओर चर्चा यह भी है कि अनूपगढ़ थाने के एसआई मोटाराम ने एक मामले में किसी की गिरफ्तारी के प्रयास किए। इसी को लेकर हंगामे की शुरुआत हुई।
पहले अनूपगढ़ पुलिस थाने के किसी मामले को लेकर तकरार हुई। मामला दर्ज करने में देरी के आरोप भी लगाए। बाद में लूणाराम की आवाज आती है। ये डीवाईएसपी (गाली)… दिन में जांच करके भेज देता है। तूने दूसरे पक्ष की रिपोर्ट भेज दी। रामूराम.. किते दिन से.. बताओ जवाब दो। फिर (गाली) ….को वापस लगा दिया वहां, रावला। हंगामा……(गाली) डीवाईएसपी दो दिन में जांच करके भेज देता है। हंगामा..तेरी ऐसी की तैसी मारना है तो हमको मार दे।
गुरुवार रात की घटना है। मैं थाने में ही था। वायरल वीडियो में अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाला लूणाराम ही है। लूणाराम ने थाने के सामने व कैंपस में गाली गलौच किया। अभद्र भाषा का प्रयोग किया। उनके साथ 10-15 अन्य लोग भी थे। घटना को लेकर एसपी को जानकारी दी है। उन्होंने रपट डालने के निर्देश दिए थे।
जयदेव सिहाग, डीएसपी अनूपगढ़
विवाद के पीछे की कहानी को यूं समझें
रावला क्षेत्र में एक महिला चावली देवी की पिछले माह हत्या हो गई थी। मामले में गिरफ्तारी की मांग को लेकर पीडि़त परिवार व विधायक संतोष बावरी के पिता लूणाराम बावरी ने लोगों के साथ धरना लगाया। मृतका का शव लेने से इनकार कर दिया। रावला थाना प्रभारी पर कई अन्य मामलों में गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत की। थाना प्रभारी सुरेंद्र पचार को हटाने की मांग की।
एसपी ने पचार को 20 मार्च को थाने से हटा दिया और धरना समाप्त हो गया। डीएसपी ने जांच में सीआई पचार को निर्दोष माना। एसपी ने 27 मार्च को सुरेंद्र पचार को वापस रावला थाने में लगा दिया। मर्डर मामले में अभी खुलासा नहीं हो पाया है।


