सिलेंडर में लीकेज से लगी आग के बाद ब्लास्ट,अंदर सो रहे मां, बेटे और बहू की मौत

सिलेंडर में लीकेज से लगी आग के बाद ब्लास्ट,अंदर सो रहे मां, बेटे और बहू की मौत

चित्तौडग़ढ। चित्तौडग़ढ़ में शुक्रवार तड़के दर्दनाक हादसा हुआ। यहां प्रतापनगर कॉलोनी में एक मकान में रसोई गैस सिलेंडर में आग लग गई। आग घर में तेजी से फैली। इसके बाद हुए धमाके से मकान की छत उड़ गई। हादसे में कमरे में सो रहे परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों में मां, बेटा और बहू है। वहीं, 2 बच्चे समेत 4 लोग गंभीर घायल हैं। सभी को उदयपुर के लिए रेफर किया गया है।
रसोई में लगी आग, कमरे तक पहुंची
घटना तड़के करीब तीन बजे की है। रात में परिवार रसोई का कामकाज निपटा कर सो गया था। तड़के अचानक रसोई से आग की लपटें निकलते हुए कमरे तक पहुंच गईं। तब तक परिवार की नींद नहीं टूटी थी। जब कमरे में रखा हुआ सामान जलने लगा तो परिवार की नींद खुली। तब तक आग की लपटों से निकली जहरीली गैस से पूरा कमरा भर चुका था। इसी प्रेशर से जोरदार धमाके के साथ कमरे की छत और रसोई की दीवारें ढह गईं। कमरा बंद था, इसलिए आग और गैसों का दबाव इतना अधिक था कि प्रेशर बनकर विस्फोट हो गया।
सिलेंडर ब्लास्ट या गैस के प्रेशर से हुआ विस्फोट?
रसोई में रखे तीन सिलेंडरों में से दो अलग-अलग गैस चूल्हे पर लगे थे और एक अन्य पर सामान रखा था। इनमें से एक सिलेंडर की नली से रसोई गैस लीक कर रही थी और उसी ने आग पकड़ी। चिंगारी कहां से आई अभी इसकी जांच की जा रही है। फायर ऑफिसर ने बताया कि घर से तीन सिलेंडर मिले हैं। तीनों फटे नहीं हैं। ऐसे में आशंका है कि कमरे में गैस के दबाव से धमाका हुआ है।
हालांकि, अभी यह भी शंका है कि मलबे के नीचे एक और सिलेंडर हो। मलबा हटने के बाद ही इसका पता चलेगा। हो सकता है कमरे में चौथा सिलेंडर भी हो और वह फट गया हो। ऐसे में जब मलबा निकलेगा तभी ब्लास्ट के सही कारणों का पता चल पाएगा। घटना के बाद मौके पर कलेक्टर केके शर्मा भी पहुंचे।
500 मीटर दूर तक सुनाई दी धमाके की आवाज
धमाका इतना तेज था कि करीब आधा किलोमीटर तक इसकी आवाज सुनाई दी। घटना के तुरंत बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने तेजी से एक्शन लेते हुए पुलिस व दमकल को फोन किया। दो दमकलें यहां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया गया।इसी दौरान एक दमकल व अन्य कारों से घायलों को अस्पताल ले जाया गया। वहां पहुंचे तो पता चला कि परिवार के तीन लोगों की मौत मौके पर ही हो चुकी है। जबकि 4 गंभीर रूप से घायल हैं। प्राथमिक उपचार के बाद उन सभी को उदयपुर रेफर कर दिया गया।
मां, बेटा और बहू की मौत
हादसे में मरने वालों में परिवार का मुखिया पुरुषोत्तम भांभी (32), उसकी पत्नी जमना बाई (30) साल और मां सजनी बाई (76) की मौत हो गई। पुरुषोत्तम की सैंती में मेडिकल की शॉप है, जो उसने तीन साल पहले ही खोली थी।घायलों में पुरुषोत्तम का बेटा जयदीप (10), बेटी भूमि(13), पुरुषोत्तम का छोटा भाई उमेश (31)हैं। इनके अलावा इंदौर से 5 दिन पहले पुरुषोत्तम के साढू का बेटा सूरज (16) भी यहां आया हुआ था। वह भी घायल हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना पर संवेदना व्यक्त की है।

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